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'आप' के तीन साल और विवाद, कई बार सतह पर आई अंदरूनी लड़ाई

'आप' को पार्टी को बाहर और भीतर दोनों ही मोर्चों पर टकराव का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के स्तर पर भी नई मुश्किलें परेशानी का सबब बनी हुई हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 09:38 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 01:01 PM (IST)
'आप' के तीन साल और विवाद, कई बार सतह पर आई अंदरूनी लड़ाई
'आप' के तीन साल और विवाद, कई बार सतह पर आई अंदरूनी लड़ाई

नई दिल्ली [जेएनएन]। आम आदमी पार्टी की सरकार आज दिल्ली में अपने तीन साल पूरे कर रही है। सरकार इस मौके पर दिल्ली की जनता तक अपनी उपलब्धियों को पहुंचाने की कोशिश में जुटी है लेकिन विरोधियों ने भी 'आप' के खिलाफ रणनीति तैयार कर ली है। आरोप-प्रत्यारोप और सियासत के बीच यहां यह भी बताना अहम है कि 2015 में विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पाटी (आप) का विवादों के साथ पुराना नाता रहा है। शायद ही कोई ऐसा मौका रहा हो जब 'आप' विवाद के बीच खड़ी न दिखाई दी हो। मुश्किलें लगातार बढ़ती रहीं और पार्टी के साथ सीएम केजरीवाल को भी एक साथ कई मोर्चों पर जूझना पड़ा।

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एक वक्त था जब आम आदमी पार्टी को दिल्ली में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी देशभर में तेजी से बढ़ेगी, लेकिन चंद दिनों बाद संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ सीएम केजरीवाल के झगड़े के कारण पार्टी निरंतर विवादों में घिरती गई। यहीं से आप में शुरू हुए विवाद कभी थमे ही नहीं। कमोबेश हालात अब भी ऐसे ही बने हुए हैं जहां पार्टी को बाहर और भीतर दोनों ही मोर्चों पर टकराव का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के स्तर पर भी नई मुश्किलें परेशानी का सबब बनी हुई हैं।

'आप' सरकार के कई ऐसे विवाद रहे हैं जिसने पार्टी की नींव को हिलाकर रख दिया, कभी अपने दूर हो गए तो कभी परायों को अपनों से अधिक महत्व दिया गया। सियासी समीकरण बदलते रहे और पार्टी में अदरूनी कलह कई मौकों पर सतह पर आ गई। आइए जानते है 'आप' सरकार से जुड़े मुख्य विवाद कौन-कौन से थे।

कपिल मिश्रा ने किया हैरान

विवाद की बात हो सबसे पहले 'आप' के विधायक कपिल मिश्रा का नाम सामने आता है। कई मौकों पर कपिल ने केजरीवाल और दिल्‍ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह सिलसिला उस वक्त शुरू हुआ जब कपिल ने बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि 10 हजार गाड़ियों में नकली CNG किट लगी है। ऐसी गाड़ियों में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। साथ ही कपिल मिश्रा ने कहा कि चीन के माल को कनाडा का माल बता कर बेचा जा रहा है।

कपिल ने लोकायुक्त को सौपें 16 हजार पन्नों के सबूत

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने आप नेता सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के सबूत लोकायुक्त को सौंपे। बता दें कि मंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही मिश्रा ने केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और उसकी शिकायत लोकायुक्त दफ्तर में की थी और मई के आखिरी हफ्ते में बकायदा लोकायुक्त में बयान भी दर्ज करवाए थे। मिश्रा के मुताबिक उन्होंने 16 हज़ार पन्नों का सबूत तैयार किया, जिसमें सत्येंद्र जैन और केजरीवाल के भ्रष्टाचार से जुड़े कई कागजात हैं।

PWD ने AAP दफ्तर पर लगाया 27 लाख का जुर्माना

आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर 27 लाख 73 हजार का जुर्माना लगाया गया था। यह जुर्माना दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने ही पार्टी ऑफिस न खाली करने की वजह से लगाया। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अप्रैल 2017 में आम आदमी पार्टी के ऑफिस का आवंटन बतौर पार्टी ऑफिस रद कर दिया था और ऑफिस को जल्द खाली करने का निर्देश दिया था।

सत्येंद्र जैन के घर पहुंची CBI

सीबीआइ दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची। सीबीआइ ने सत्येंद्र जैन की पत्नी से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ भी की, जिस पर 'आप' के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआइ के जरिए परेशान करने की कोशिश कर रही है। ऐसा करके आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी ने प्रेस वार्ता कर सत्येंद्र जैन के घर हुई रेड को लेकर सीबीआइ के साथ-साथ सरकार पर निशाना साधा।

मनीष सिसोदिया के घर पहुंची CBI

केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अलावा दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआइ पूछताछ करने पहुंची। कहा गया कि CBI 'टॉक टू एके' मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं CBI के पहुंचने के बाद 'आप' नेताओं ने इसे छापेमारी बताया। इस मामले में दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने LG को शिकायत की थी कि बिना किसी टेंडर प्रक्रिया किए दिल्ली सरकार ने 'टॉक टू एके' प्रोगाम का प्रमोशन एक विशेष कंपनी को दिया था। जिसके बाद LG द्वारा मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया था।

अमानतुल्ला खान और विवाद

ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान ने 'आप' के बड़े नेता कुमार विश्वास को भाजपा और आरएसएस का एजेंट बताया था। जिसके बाद कुमार विश्वास ने कहा था कि खान उन साजिशकर्ताओं का मुखौटा बने हुए हैं, जो चाहते हैं कि वह पार्टी से बाहर हो जाएं। कुमार विश्वास की नाराजगी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद उन्हें मनाया था और अमानतुल्ला खान को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। इस मामले में ट्विस्ट तब आया जब निलंबित किए गए विधायक अमानतुल्ला खान को विधानसभा की समितियों में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। इसी के बाद से विश्वास और केजरीवाल के बीच दूरियां बढ़ती गईं विवाद हुए और और आज यह दूरी किसी खाई से कम नहीं है।

दिल्ली विधानसभा में उड़े कागज

बीते साल दिल्ली सरकार द्वारा बुलाए विधानसभा के विशेष सत्र में उस समय हंगामा शुरू हो गया। जब सदन की कार्रवाही देख रहे दो लोगों ने सदस्यों पर कागज फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद सरकार के विधायकों ने कथित तौर पर उन युवकों को पकड़कर उनकी पिटाई कर डाली। युवकों ने सदन के अंदर कागज उड़ाए और इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी लगाए विवाद उस वक्त बढ़ा जब सामने आया कि दोनों युवक आप के ही कार्यकर्ता हैं।

MCD चुनाव और 'आप'

दिल्ली नगर निगम चुनावों में 'आप' की करारी हार के बाद ईवीएम विवाद ने तूल पकड़ लिया। यह विवाद भी 'आप' के लिए घातक साबित हुआ और पार्टी दो गुटों में बंटती हुई दिखाई दी। 'आप' के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि मौजूदा हालात को देखकर लगता है कि दिल्ली में 'ईवीएम लहर' चल रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि निगम चुनाव में भाजपा को वोट मिलने का कोई कारण नजर नहीं आता है। मनीष सिसोदिया से अलग सुर लगाते हुए कुमार विश्वास और कपिल मिश्रा 'आप' पर ही निशाना साधा।

ऑड-ईवन फॉर्मूला

दिल्ली में जहरीली हुई हवा और हाई कोर्ट की 'गैस चैंबर बनी राजधानी' वाली टिप्पणी कौन भूल सकता है। मसला सीधा जनता से जुड़ा था लेकिन विवाद ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा। बैठकों का दौर चला एक दूसरे पर आरोप मढ़े गए। इस बीच सरकार ने दिल्ली में ऑड-ईवन योजना लागू करने मन बनाया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। दरअसल 'आप' सरकार का मत था कि ऑड-ईवन से वीआईपी, महिलाओं और बाइक को अलग रखा जाए लेकिन एनजीटी इससे सहमत नहीं थी। अंत में हुआ ये कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद भी ऑड-ईवन लागू नहीं किया गया।

राज्यसभा सीट को लेकर विवाद

तमाम अटकलों और विवादों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर तीन नामों का एलान किया। 'आप' नेता संजय सिंह के अलावा एनडी गुप्ता व सुशील गुप्ता का नाम सामने आने के बाद एक बार फिर सियासी बवाल तेज हो गया। कुमार विश्वास पर पार्टी ने भरोसा नहीं दिखाया जिसके बाद पार्टी में फूट की बात भी सामने आई। घमासान के बीच उस वक्त नया मोड़ आ गया था जब दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने सुशील गुप्ता के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता कलावती कोली को मैदान में उतारने का फैसला किया। कहा तो यह भी गया कि पार्टी ने दो बाहरी व्यक्तियों को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया जिससे कार्यकर्ता निराश हैं और इसका सियासी असर भी देखने को मिलेगा।

'लाभ का पद' और मुश्किल में 'आप' के विधायक

दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में 'आप' के 20 विधायकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रपित से सिफारिश की है कि इन 20 विधायकों को अयोग्य घोषित की जाए। चुनाव आयोग का मानना है कि 20 विधायक 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' के दायरे में आते हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता को लेकर 'आप' के पूर्व नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर करारा प्रहार किया है। कपिल ने ट्वीट कर कहा कि एक आदमी के लालच के कारण खत्म हुई 20 MLAs की सदस्यता - केजरीवाल पैसों के लालच में अंधे हो चुके थे।

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