नाकाम सरकार के तीन साल में बेहाल बाजार
फोटो: 12 डेल 511 -राजस्व के अनुपात में बाजारों के विकास का फार्मूला भूली सरकार -सीसीटीव
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
व्यापारियों को वादों का सब्जबाग दिखाकर दिल्ली की सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के तीन वर्षो के कार्यकाल में दिल्ली के व्यापारी ठगे महसूस कर रहे हैं। आप ने बाजारों के विकास का नया फार्मूला पेश किया था, जिसमें तय किया गया था कि जिस बाजार से जितना अधिक राजस्व मिलेगा, उसी अनुपात में उस बाजार का विकास होगा। दशकों से विकास की राह देखते पुरानी दिल्ली के व्यापारियों ने तब राजस्व जमा करने में बढ़ चढ़कर योगदान दिया, लेकिन तीन सालों में सरकार की उदासीनता से बाजारों की दशा बेहतर होने की जगह और बदतर हुई है। इस बारे में दिल्ली किराना कमेटी के अध्यक्ष विजय गुप्ता कहते हैं कि सरकारों का रवैया केवल व्यापारियों से लेने का होता है। इस सरकार ने व्यापारियों को हर प्रकार से निचोड़ा, लेकिन जब वापस कुछ देने की बात आई तो सरकार किनारे हो गई। स्थिति यह है कि टूटी सड़कों के साथ फुटपाथों तक की दशा में सुधार नहीं आया है। पुरानी दिल्ली के सभी थोक व खुदरा बाजारों की दशा कमोबेश यही है।
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने हर मोर्चे पर सरकार को नाकाम बताते हुए कहा कि सरकार ने वादा किया था कि बाजारों में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसी तरह खरीदारों को राहत देने के लिए मुफ्त वाईफाई की भी सुविधा दी जाएगी, लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ।
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि तीन सालों में बाजारों का रत्ती भर विकास नहीं हुआ है, बस फाइलें इधर से उधर घूमती रही है। इसे देखकर ही व्यापारी आश्वस्त होते रहे हैं। असल में केंद्र व राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी के शिकार यहां के लोग हुए हैं। सदर बाजार में जाम, पार्किंग का अभाव के साथ अवैध रेहड़ी-पटरी की समस्या बढ़ी है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल दिल्ली के महामंत्री व नया बाजार में तेल कारोबारी हेमंत गुप्ता ने कहा कि विकास के नाम पर बाजार ठगे गए हैं।