बच्चों से काम करवाने वालों को बक्शा नहीं जाएगा: मीना त्यागी
23 श्रमिकों को मुबारकपुर की चमड़े के पर्स बनाने वाली फैक्ट्री से छुड़वाया -17 बाल मजदूरों में से एक कोरोना पॉजिटिव कोविड केयर सेंटर भेजा गया
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली: एसडीएम रोहिणी मीना त्यागी ने मुबारकपुर गांव में पर्स और चमड़े के उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों में काम कर रहे 23 मजदूरों को छुड़वाया है। इस दौरान गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) सहयोग केयर के सदस्य व सिविल डिफेंस वॉलेंटियर भी साथ थे। एसडीएम मीना त्यागी ने कहा कि बच्चों से काम करवाने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। प्रशासन ने इसको लेकर सख्त रवैया अपना रखा है। इसी कड़ी में मंगलवार को मुबारकपुर गांव की चमड़े के पर्स बनाने वाली फैक्ट्री से 23 श्रमिकों को बचाया गया। इनमें से ज्यादातर बिहार के रहने वाले हैं। बचाए गए श्रमिकों में से 17 श्रमिक 8 से 14 वर्ष के व छह श्रमिक 15 से 17 वर्ष के हैं। बाल श्रमिकों में से एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, जिसे कोविड केयर सेंटर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान फैक्ट्री मालिक भागने में कामयाब हो गया। पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुफ्त में भी करवाया जा रहा था काम
एसडीएम मीना ने बताया कि फैक्ट्री में काम करने के लिए बच्चों को 100 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे थे। इसके अलावा कुछ बच्चों से मुफ्त में भी काम करवाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि बचपन में फैक्ट्री आदि में काम करने से बच्चे अपंग हो जाते हैं। वे अच्छे रोजगार प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। बच्चों से फैक्ट्रियों में काम करवाकर लोग देश के भविष्य का गला घोंट रहे हैं। ऐसे असामाजिक लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।