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एक ही ई-पोर्टल पर होंगी देश की 62 छावनियां

भारत की 62 छावनियों में होगा एक ई-पोर्टल।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 07:53 PM (IST)
एक ही ई-पोर्टल पर होंगी देश की 62 छावनियां
एक ही ई-पोर्टल पर होंगी देश की 62 छावनियां

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली

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देश की सभी छावनी क्षेत्रों का अब अलग-अलग नहीं, बल्कि एकीकृत ई-पोर्टल बनने जा रहा है। इस ई-पोर्टल पर आवश्यक सेवाओं से जुड़ी तमाम सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। एकीकृत ई-पोर्टल सेवा पूरी तरह शुरू होने के बाद देश के किसी भी हिस्से में बैठा व्यक्ति छावनी परिषद की सभी सुविधा का लाभ घर बैठे ही ले सकेगा। इससे छावनी परिषदों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी। रक्षा मंत्रालय और रक्षा संपदा महानिदेशालय के अधिकारियों के लिए सभी छावनी परिषदों की कार्यप्रणाली पर नजर रखना भी आसान होगा। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इस ई-पोर्टल को तैयार कर रहा है। इस ई-पोर्टल को ई-छावनी नाम दिया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से तैयार किए जा रहे इस ई-पोर्टल को दिल्ली छावनी परिषद के मौजूदा ई-पोर्टल की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।

ई-छावनी पर जिन आवश्यक सेवाओं की सुविधा उपलब्ध रहेगी, उनमें मृत्यु व जन्म प्रमाण पत्र, सामुदायिक भवन व पानी के टैंकर की ऑनलाइन बुकिग, नागरिक सुविधाएं, इमारत के नक्शे की स्वीकृति, छावनी के विद्यालयों में दाखिला, अस्पताल में ऑनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन, ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान, पब्लिक टॉयलेट लोकेटर, वाहन ट्रैकिग सुविधा, एयर क्वालिटी इंडेक्स, ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन, ऑनलाइन भर्ती सहित अनेक महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल हैं। महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी छावनी की ई-सेवा : छावनी परिषद के अधिकारियों ने बताया कि इस महीने के अंत तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी। पायलट स्तर पर दिल्ली, लखनऊ, आगरा और सिकंदराबाद की छावनी परिषदों को इससे जोड़ा जाएगा। अभी तक 62 छावनियां अपना अलग-अलग ई-पोर्टल चला रही थीं, जिसके कारण छावनी परिषद के स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी होती थी। विशेषकर सैनिकों को, जिनका समय-समय पर एक छावनी से दूसरी छावनी में स्थानांतरण होता रहता है। उन्हें छावनी परिषद से जुड़ी किसी भी ई-सुविधा का लाभ लेने के लिए उनके ई-पोर्टल को काफी ढूंढना पड़ता है। आधुनिक युग में यूं तो सभी तकनीकी जानकार हैं, लेकिन जो अभी भी कमजोर हैं, वे उस ई-सुविधा का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय व रक्षा संपदा महानिदेशालय ने यह विचार किया कि अगर 62 छावनियों की सभी ई-सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी तो लोगों को उन तक पहुंचने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए छावनी परिषद के कार्यालय का रुख करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। बॉक्स

हमारे लिए गर्व की बात है कि दिल्ली छावनी परिषद के ई-पोर्टल को सभी ने सराहा और अब उसी के तर्ज पर एक सिगल ई-पोर्टल तैयार हो रहा है। बीते एक साल से दिल्ली छावनी परिषद अपना सफल ई-पोर्टल चला रही है। हाल ही में हमने एपलिकेशन भी विकसित की है। हमारी कोशिश है कि लोगों को छावनी परिषद से जुड़ी किसी भी सुविधा का लाभ लेने के लिए कार्यालय का रुख न करना पड़े।

पुष्पेंद्र सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दिल्ली छावनी परिषद


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