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आतिशबाजी व अगलगी में झुलसे 246 मरीज

-14 लोगों ने गंवाई आंखों की रोशनी -एम्स के आरपी सेंटर में 7 मरीजों की आंखों की स

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 08:55 PM (IST)
आतिशबाजी व अगलगी में झुलसे 246 मरीज
आतिशबाजी व अगलगी में झुलसे 246 मरीज

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिवाली में पटाखे जलाना लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। प्रदूषण बढ़ने से लोगों की सांस पर आफत आ गई है। वहीं आतिशबाजी व दिवाली के दिन आगजनी की घटनाओं में छह प्रमुख अस्पतालों में ही 246 मरीज झुलसकर इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से 50 मरीज भर्ती कराए गए हैं। इनमें से दो मरीजों (मां-बेटे) की हालत बेहद नाजुक है। वहीं पटाखे जलाने के दौरान 14 लोगों को आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी।

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आरपी सेंटर के प्रोफेसर डॉ. जेएस तितियाल ने कहा कि पटाखे जलाने के दौरान आंखों की चोट से पीड़ित होकर दिवाली के एक दिन पहले से ही मरीज पहुंच रहे हैं। छह नवंबर की रात 32 पीड़ित पहुंचे थे, जिसमें से सात मरीजों की आंख की सर्जरी की गई हैं। उनकी आंख की पुतली में चोट के कारण रोशनी चली गई है। इसके अलावा 12 पीड़ित दिवाली की रात आरपी सेंटर में पहुंचे। इनमें से सात मरीजों की सर्जरी प्लान की गई है। आरपी सेंटर में पिछले साल 68 मरीज पहुंचे थे।

सफदरजंग अस्पताल के बर्न सेंटर में पटाखें व दीये से दुर्घटना वश हुई आगजनी की घटना से दो दिन में 70 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से 63 मरीज दिवाली की रात हादसे के शिकार हुए। इनमें से 22 मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। लोकनायक अस्पताल में 21 मरीज झुलसकर इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से पांच मरीज बर्न वार्ड में भर्ती किए गए हैं। इनमें दो मां-बेटे हैं। ये नरेला के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि रात में सोते वक्त घर में दीया गिरने से रजाई में आग लग गई थी।

डॉक्टरों के अनुसार महिला 95 फीसद और उसका बेटा 50 फीसद झुलस गया है। इस वजह से महिला का बच पाना बेहद मुश्किल है। आरएमएल, जीटीबी व डीडीयू में भी आतिशबाजी के दौरान झुलसे लोगों का इलाज हुआ।

इसके अलावा आंबेडकर अस्पताल, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, संजय गांधी स्मारक सहित कई अस्पताल में भी आतिशबाजी के दौरान मामूली रूप से जले लोग इलाज के लिए पहुंचे। इन अस्पतालों में बर्न वार्ड नहीं है। इन अस्पतालों में सिर्फ मामूली जख्म के इलाज की सुविधा की गई थी। इसलिए गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा।

अस्पताल मरीज भर्ती

सफदरजंग 70 22

आरएमएल 31 7

लोकनायक 21 5

डीडीयू 35 -

जीटीबी 45 2

एम्स आरपी सेंटर 44 14

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कुल--- 246 50


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