Jessica Lal Murder: पढ़िये, सबरीना की जंग की कहानी, जिसने विपरीत हालात में दिलाया बहन जेसिका लाल को इंसाफ
Jessica Lal Murder चर्चित जेसिका लाल केस में हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली उनकी बहन सबरीना लाल का रविवार शाम निधन हो गया। दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्तरां में 29 अप्रैल 1999 की रात रेस्तरां की मालकिन बीना रमानी ने पार्टी दी थी।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज डेस्क। अपनी बहन जेसिका लाल के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली सबरीना लाल का रविवार शाम निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं। गुरुग्राम के पारस अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बता दें कि जेसिका लाल की 1999 में राजधानी स्थित एक रेस्तरां में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उस समय कांग्रेस के नेता रहे और अब जन चेतना पार्टी के संस्थापक विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ को उम्रकैद की सजा हुई थी। जेल में अच्छे व्यवहार के कारण कुछ समय पहले मनु को रिहा कर दिया गया था। बाद में सबरीना ने भी जेल प्रशासन को लिख दिया था कि मनु को रिहा किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सबरीना के भाई रंजीत लाल ने बताया कि सबरीना लिवर सिरोसिस और कई अन्य बीमारियों से पीड़ित थीं। शनिवार को घर में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।
शराब परोसने से मना करने पर मारी गोली
दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्तरां में 29 अप्रैल, 1999 की रात रेस्तरां की मालकिन बीना रमानी ने पार्टी दी थी। बीना की बेटी मालिनी रमानी ने 34 वर्षीय माडल जेसिका लाल और शायन मुंशी को बार टेंडर के काम के लिए बुलाया था। पार्टी में अपने दोस्तों के साथ आए मनु शर्मा ने जेसिका से डिंक सर्व करने के लिए कहा, लेकिन समय खत्म हो जाने के कारण उसने मना कर दिया। इससे नाराज मनु ने उसे गोली मार दी थी। घायल जेसिका को अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था।
हत्या से हिल गया था देश
राजधानी दिल्ली में हुई हत्या के बाद तहलका मच गया। मीडिया और पुलिस का दबाव बढ़ा तो तीन दिन बाद दो मई मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने नोएडा से बरामद किया। उसके बाद छह मई को स्वयं मनु ने चंडीगढ़ की एक अदालत में समर्पण कर दिया।
फिल्म भी बनी
2011 में जेसिका लाल मर्डर केस से प्रभावित होकर फिल्म नो वन किल्ड जेसिका बनी, जिसमें रानी मुखर्जी और विद्या बालन प्रमुख भूमिका में थीं।
2006 में रिहाई से लगा परिवार को झटका
सात साल तक चले मुकदमे के बाद फरवरी, 2006 में मनु शर्मा बरी हो गया। अन्य आरोपित भी बरी हो गए। इससे जेसिका लाल के परिवार को बड़ा झटका लगा, लेकिन सबरीना ने हार नहीं मानी और मोर्चा खोला। मीडिया ने भी सबरीना का पूरा साथ दिया। इसके बाद हत्या का यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई।
सबरीना ने कर दिया था माफ
बाद के दिनों में सबरीना ने मनु शर्मा को माफ कर दिया था। उन्होंने तिहाड़ जेल प्रशासन को लिखा था कि मनु को रिहा किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। एक बार उन्होंने कहा था, मैं केवल यही आशा करती हूं और भगवान से प्रार्थना करती हूं कि वह (मनु) फिर कभी उस गलती को दोहराने के बारे में न सोचें।