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एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग बिल को संसद की मंजूरी, राज्यसभा में हंगामे के बीच विधेयक पारित

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक से संबंधित समस्याओं को लेकर बेहतर समन्वय अनुसंधान पहचान और समाधान के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग गठित करने के प्रविधान वाले विधेयक को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 11:36 PM (IST)
एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग बिल को संसद की मंजूरी, राज्यसभा में हंगामे के बीच विधेयक पारित
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई।

नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग विधेयक, 2021 को गुरुवार को संसद की मंजूरी मिल गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक से संबंधित समस्याओं को लेकर बेहतर समन्वय, अनुसंधान, पहचान और समाधान के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग गठित करने के प्रविधान वाले इस विधेयक को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

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उच्च सदन में वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधेयक को चर्चा के लिए रखते हुए कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के निराकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए यह विधेयक लाया गया है। विधेयक पर विपक्ष के हंगामे के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई जिसमें राकांपा की वंदना चव्हाण ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद सरकार ने वायु गुणवत्ता के लिए यह कदम उठाया।

बीजद के प्रसन्न आचार्य ने आयोग में किसानों के प्रतिनिधित्व की मांग की। कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा, द्रमुक के आरएस भारती, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, वाईआरएस कांग्रेस पार्टी के अयोध्या रामी रेड्डी, माकपा की झरनादास वैद्य, टीआरएस सदस्य के आर सुरेश रेड्डी, राजद के मनोज झा, टीएमसी (एम) के जीके वासन, आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी विधेयक पर हुई चर्चा में अपनी बात रखी।

चर्चा के जवाब में भूपेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारणों में यातायात, औद्योगिक प्रदूषण और जैविक कचरे को जलाना आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए एक समेकित संस्था जरूरी थी। इसी उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। इसमें पर्यावरण क्षेत्र के विशेषज्ञ लोगों के साथ ही एनसीआर के समीपवर्ती क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का पता लगाने के लिए वायु क्षेत्र की पहचान करना जरूरी है। इसके लिए हम ऐसी व्यवस्था चाहते थे जिसमें नवाचार, समाधान, समन्वय हो।

यादव ने कहा कि आयोग में किसानों का प्रतिनिधित्व होगा। उन्होंने कहा विधेयक के माध्यम से हम पूरी तरह संसद के प्रति जवाबदेह होंगे और आयोग की रिपोर्ट हर साल संसद के पटल पर पेश की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी शहरों में वायु प्रदूषण के मापन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में संयंत्र लगाए गए हैं। वैकल्पिक ऊर्जा के लक्ष्य भी प्राप्त किए गए हैं। यह विधेयक इससे संबंधित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं संलग्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2021 का स्थान लेगा। 


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