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विदेश से मिले चिकित्सा उपकरण बक्से में नहीं रखे रहने चाहिए : दिल्ली हाई कोर्ट

Delhi High Court News केंद्र सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करके बताया कि 24 अप्रैल से चार मई तक कस्टम विभाग ने एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को क्लीयरेंस दी है और मंगलवार तक 907 इकाईयां लंबित है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 08:06 PM (IST)
विदेश से मिले चिकित्सा उपकरण बक्से में नहीं रखे रहने चाहिए : दिल्ली हाई कोर्ट
केंद्र ने कहा कस्टम ने चार मई तक एक लाख आक्सीजन कंसंट्रेटर को दी क्लीयरेंस।

नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। विदेशों से सहायता के रूप में आने वाले आक्सीजन कंसंट्रेटर समेत चिकित्सा उपकरण लोगों की मदद के लिए हैं और इन्हें बक्से में नहीं रखा जाना चाहिए। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेख पल्ली की पीठ ने कहा कि कहा कि सरकार ने केंद्र सरकार से कहा कि कस्टम से ऐसे उपकरण को जल्द क्लीयरेंस मिलनी चाहिए। वहीं, केंद्र सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करके बताया कि 24 अप्रैल से चार मई तक कस्टम विभाग ने एक लाख से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को क्लीयरेंस दी है और मंगलवार तक 907 इकाईयां लंबित है।

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अदालत मित्र द्वारा कस्टम विभाग में लंबित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर मांगी थी जानकारी

सुनवाई के दौरान अदालत मित्र व वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने पीठ को बताया कि केंद्र द्वारा पहले दर्ज की गई स्थिति रिपोर्ट के अनुसार 2 मई को 22,920 कंसंट्रेटर कस्टम वेयरहाउस में थे और इसमें से 1,921 लंबित थे।

उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि पांच मई की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट के अनुसार 24 अप्रैल से चार मई तक सीमा शुल्क द्वारा 169.7 किलोग्राम की रेमेडिसवियर एपीआइ और 1.61 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन को क्लीयरेंस दी गई थी। केंद्र सरकार ने स्थिति रिपोर्ट में कहा कि इसी अवधि के दौरान एक लाख 41 हजार 413 वेंटिलेटर को क्लीयरेंस दी गई और 1,755 यूनिट कस्टम विभाग की मंजूरी के लिए लंबित हैं। इसके अलावा 234 आक्सीजन प्लांट, 276 खाली आक्सीजन सिलेंडर और 1,131 उपकरणों का उपयोग जीवन रक्षक गैस के साथ-साथ विभिन्न देशों से आयातित 30 हजार टीकों को भी चार मई तक कस्टम विभाग से मंजूरी दे दी गई है।

नहीं काम रहा है दिल्ली सरकार का सहायता नंबर

सुनवाई के दौरान अदालत मित्र ने पीठ को बताया कि दिल्ली सरकार का सहायता नंबर काम नहीं कर रहा है। इसका समर्थन करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके चचेरे भाई भी सुबह चार बजे से साढ़े पांच बजे तक सहायता नंबर पर फोन करते रहे, लेकिन यह काम नहीं कर रहा था। पीठ ने इस व्यवस्था को देखने के लिए दिल्ली सरकार को कहा।

दिल्ली में सेना लगाने पर अभी नहीं ले सकते फैसला-केंद्र सरकार

राजधानी दिल्ली में बिगड़ते हालात के बीच सेना की मदद लेने के मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार को हाई कोर्ट के समक्ष स्थिति स्पष्ट की। केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया। उन्होंने बताया कि सेना पहले से ही काफी दबाव में है और अभी यह फैसला नहीं कर सकते कि सेना को दिल्ली में अस्पताल बनाने एवं आक्सीजन आपूर्ति करने में लगाया जाए या नहीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली में सेना कई स्तर पर काम कर रही है और जो भी संभव होगा सेना राज्य सरकार को मदद करेगी। केंद्र ने यह जवाब दिल्ली सरकार द्वारा सेना की मदद के लिए रक्षा मंत्री को लिखे पत्र पर दिया।


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