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Oxygen Emergency in Delhi : जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीज की मौत

Oxygen emergency in Delhi दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच बड़ी खबर आ रही है। राजधानी के रोहिणी इलाके में स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से शुक्रवार देर रात 20 लोगों की मौत हो गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 11:11 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 04:16 PM (IST)
Oxygen Emergency in Delhi : जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीज की मौत
समय पर नहीं पहुंची सांसे तो छूट गयी जिंदगी की डोर।

नई दिल्ली, सोनू राणा। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ-साथ आक्सीजन की किल्लत भी बढ़ती जा रही है। रोहिणी सेक्टर तीन के जयपुर गोल्डन अस्पताल में शुक्रवार देर रात आक्सीजन न मिलने की वजह से 20 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल के एमडी डा डीके बलुजा ने इसकी जानकारी दी। शनिवार सुबह से ही स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल है। अस्पताल में हर तरफ स्वजन की चीख पुकार सुनाई दे रही थी। स्वजन ने अस्पताल पर लापरवाही करने का भी आरोप लगाया है। वहीं स्वजन की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल के अंदर व बाहर सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई।

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समय पर नहीं पहुंचे ट्रक

बलुजा ने शनिवार सुबह दस बजे बताया कि सारी मौतें आक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं। दो दिनों से आक्सीजन की आपूर्ति ही नहीं हो रही थी। शुक्रवार को अस्पताल में आक्सीजन काफी देरी से आई और वो भी काफी कम आई। आक्सीजन शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे तक आ जानी चाहिए थी, लेकिन रात को बारह बजे आई। जब समय पर टैंकर अस्पताल नहीं पहुंचे तो आक्सीजन की कमी की वजह से 20 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल को 3600 लीटर आक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन 1500 लीटर ही मिल पाई। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके पास अब केवल आधे घंटे के लिए ही आक्सीजन बची है। इसके बाद शनिवार दोपहर करीब दो बजे डा बलुजा ने बताया कि आक्सीजन का एक टैंकर आ गया है, लेकिन यह भी छह घंटे तक ही चलेगा। इसके बाद फिर से आक्सीजन कम हो जाएगी। वहीं अगर सूत्रों की माने तो आक्सीजन की कमी की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 20 से ज्यादा का है।

गौरतलब है कि दिल्ली में बीते कई दिनों से लगभग हरेक अस्पतालों में आक्सीजन की कमी हो रही है। पुलिस को ग्रीन कारिडोर बना कर आक्सीजन के टैंकरों को अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है।

स्वजन को सुबह मिली जानकारी

संक्रमितों की मौत के बाद स्वजन को एक-एक कर अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई। वहीं कुछ स्वजन का आरोप है कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं दी गई। सुबह टीवी में देखा तो पता चला। वहीं कुछ स्वजन का आरोप है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत शुक्रवार रात साढ़े नौ बजे हो गई थी, लेकिन उन्हें जानकारी ही नहीं दी गई और साढ़े दस बजे उनसे पैसे भी जमा करवा लिए।

80 फीसद मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर

अस्पताल में 200 से अधिक कोरोना मरीज भर्ती हैं जिसमें से 80 फीसद आक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 35 आइसीयू में हैं। शनिवार को अस्पताल के बाहर एक नोटिस चस्पा किया गया, जिसपर लिखा था कि सभी बेड भर चुके हैं और कोई नया मरीज नहीं लिया जाएगा।

आक्सीजन के कमी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों का क्या है कहना

मेरी माता शुक्रवार रात को ठीक थी। रात को उनको खाने खिलाने के बाद हम घर चले गए। इसके बाद सुबह अस्पताल की ओर से फोन कर जानकारी दी गई कि हृदय की गति रुकने की वजह से उनकी मौत हो गई है।

मेरी पत्नी की हालत में सुधार हो रहा था। लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से रात को उसे आक्सीजन नहीं मिल पाई और उसकी मौत हो गई। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चें हैं। अब उनका क्या होगा।

मेरी साली अस्पताल में भर्ती थी। कल उसने फोन पर कहा था कि वह ठीक हो गई है। केवल खांसी की शिकायत है। जीजा जी मुझे घर ले जाइए। सुबह आकर देखा तो आक्सीजन न मिलने की वजह से उसकी मौत हो गई थी।

शुक्रवार रात साढ़े सात बजे तक मेरी बहन ठीक थी। देर रात एक बजे अस्पताल से फोन आया कि आपकी बहन की मौत हो गई है। अस्पताल की ओर से अगर बता दिया जाता तो हम आक्सीजन की भी सुविधा करते। मेरी बहन को जिंदा मार दिया।


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