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UP Hathras Case 2020: 'किसने अपलोड की थी हाथरस पीड़िता की गलत तस्वीर' HC ने सुनवाई के दौरान पूछा

UP Hathras Case 2020 दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ ही फेसबुक गूगल और ट्विटर जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म से पूछा है कि आखिर किसने हाथरस दुष्कर्म पीड़ित की गलत तस्वीर और वीडियो अपलोड किया था।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 08:15 AM (IST)
UP Hathras Case 2020: 'किसने अपलोड की थी हाथरस पीड़िता की गलत तस्वीर' HC ने सुनवाई के दौरान पूछा
हाथरस में दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सीबीआइ चार्जशीट दायर कर चुकी है।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। UP Hathras Case 2020: राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश का हाथरस कांड एक बार फिर चर्चा में है। इसमें एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, जिस पर सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ ही फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म से पूछा है कि आखिर किसने हाथरस दुष्कर्म पीड़ित की गलत तस्वीर और वीडियो अपलोड किया था। एक याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहित मीडिया प्लेटफार्म को नोटिस जारी कर सीलबंद कवर में जवाब दाखिल करने को कहा।

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दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने उक्त आदेश मृत महिला के पति द्वारा मुख्य याचिका पर दाखिल आवेदन पर दिया। याची ने आरोप लगाया है कि उसकी मृत पत्नी की तस्वीर को हाथरस पीड़िता की तस्वीर बताकर मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित किया गया।

जनवरी माह में फेसबुक, गूगल और ट्विटर ने अदालत से कहा था कि उन्होंने उन सभी लिंक को ब्लॉक कर दिया है, जो गलत तरीके से मृतक महिला की फोटो को हाथरस पीडि़ता की बता रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकीलों ने पीठ से कहा कि एक पीड़ित से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह इससे जुड़े लिंक उपलब्ध कराता रहे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सीबीआइ  चार्जशीट दायर कर चुकी है। चार्जशीट में चारों आरोपियों पर सीबीआइ ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है। वहीं, आरोपितों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर की मानें तो सीबीआइ ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर दुष्कर्म और हत्या का आरोप लगाया गया है। वकील ने बताया कि सीबीआइ ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं। बता दें कि सीबीआइ ने पीड़िता के आखिरी बयान को चार्जशीट का आधार बनाया है। वकील ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाए गए चार लोगों के खिलाफ IPC की धारा 325-SC/ST एक्ट, 302, 354, 376 A और 376 D के तहत चार्जशीट फाइल की है।


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