Batla House Encounter Case: दोषी आरिज खान के चेहरे पर नहीं थी शिकन, नहीं था पछतावा
2008 Batla House encounter दोषी करार दिए गए आरिज खान के चेहरे पर कोर्ट का फैसला सुनते समय कोई शिकन नहीं थी। लग रहा था जैसे उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत हमला किया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 2008 Batla House encounter: बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दोषी करार दिए गए आरिज खान के चेहरे पर कोर्ट का फैसला सुनते समय कोई शिकन नहीं थी। लग रहा था जैसे उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।
वह कोर्ट रूम में चुपचाप फैसला सुनता रहा। सोमवार को शुरू हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधीश संदीप यादव ने पहले आरिज को आगे खड़ा करने के लिए कहा ताकि वह फैसला स्पष्ट रूप से सुन सके। कोर्ट रूम में केवल दोनों पक्षों के वकील, जांच करने वाले पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी और आरिज ही मौजूद रहे। कोरोना गाइडलाइंस के चलते आरिज के परिवार वाले भी कोर्ट रूम के बाहर खड़े रहे और बाहर से ही फैसला सुना।
कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचा आतंकी आरिजकई प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से संबंध रखने वाले आरिज को 10 पुलिसकर्मियों के घेरे में कोर्ट रूम में लाया गया, जहां पहुंचते ही न्यायाधीश संदीप यादव ने उसे अपना फैसला पढ़कर सुनाया। न्यायाधीश ने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत लोकसेवकों पर हमला किया गया और उन्हें नुकसान पहुंचाया गया।
एनकाउंटर टाइमलाइन
13 सितंबर, 2008 : राजधानी दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर बम विस्फोट हुए, जिसमें 165 लोगों की मौत हो गई।
19 सितंबर, 2008 : आतंकियों को गिरफ्तार करने बाटला हाउस पहुंची पुलिस के साथ मुठभेड़, दो आतंकी ढेर, एक गिरफ्तार और दो फरार। इस दौरान पुलिस के एक इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे।
28 अप्रैल, 2010 : पुलिस ने साकेत कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
25 जुलाई, 2013 : आतंकी शहजाद को कोर्ट ने मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।
13 फरवरी, 2018 : फरार चल रहे आतंकी आरिज खान को पुलिस की स्पेशल सेल ने नेपाल के पास से गिरफ्तार किया।
आठ मार्च, 2021 : साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने आरिज खान को दोषी ठहराया।
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