बीटेक के बाद IM से जुड़ा आरिज, UP-दिल्ली समेत कई राज्यों में करवाए बम धमाके; 165 की गई जान
Batla House Encounter 2008 आरिज़ खान दरअसल 2008 में दिल्ली जयपुर अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साज़िशकर्ता था। इन धमाकों में कुल 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसले में बटला हाउस एनकाउंटर में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज़ खान को दोषी करार दिया है। अब 15 मार्च को उसकी सज़ा पर फैसला होगा।
इसी मामले में 2013 में शहजाद अहमद को सज़ा हो चुकी है, जबकि दोनों बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे। इसके साथ इनके 3 साथी आतिफ आमीन, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद साजिद मारे गए थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हो गए थे और 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। आरिज़ खान दरअसल, 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साज़िशकर्ता था। इन धमाकों में कुल 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे।
यह है बाटला हाउस एनकाउंटर
जामिया नगर के बाटला हाउस इलाके में 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और एक घर में रुके इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में आइएम के तीन आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि मोहम्मद सैफ मौके से पकड़ा गया था। इस मुठभेड़ के बीच दो अन्य आतंकी शहजाद अहमद और आरिज खान पुलिस पर फायरिंग करते हुए फरार हो गए थे।
इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हुए थे और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए थे।इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के मामले में शहजाद अहमद को वर्ष 2013 में सजा हो चुकी है। एनकाउंटर के दस साल बाद फरवरी, 2018 में स्पेशल सेल की टीम ने आरिज खान को नेपाल और भारत की सीमा से गिरफ्तार किया था।
आरिज खान पर था 15 लाख रुपये का इनाम
इतने सारे गंभीर आरोपों में आरिज खान का सुराग देने पर दिल्ली पुलिस ने तब इस पर 15 लाख रुपये का इनाम था। इतना ही नहीं, आरिज के खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था।
आजमगढ़ का रहने वाला है आरिज खान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरिज खान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया। इसके पकड़े जाने से इंडियन मुजाहिदीन को दोबारा खड़ा करने के मंसूबे ध्वस्त हो गए थे।
देश विरोध गतिविधियों के तैयार कर रहे थे युवाओं को
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को पता चला था कि प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के लोग नेपाल से युवाओं को देश मे अवैध गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे हैं। इसके बाद सिमी से जुड़े अब्दुल सुहान उर्फ तौकीर को जनवरी 2018 में गिरफ्तार किया गया।
तौकीर ने आरिज़ खान के बारे में कई अहम जानकारियां दीं थीं। इसी जानकारी के बाद पता चला कि आरिज़ खान 13 फरवरी 2018 को भारत नेपाल सीमा के बनबसा बॉर्डर से अपने किसी साथी से मिलने यूपी आने वाला है, इसी सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बीटेक की पढ़ाई की है आरिज ने
आतंकी आरिज़ ने मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज से बी टेक की पढ़ाई की है। आरिज़ बम बनाने में माहिर था।
धमाकों के बाद आरिज़ नेपाल भाग गया गया और वहां की नागरिकता हासिल कर सलीम नाम से रह रहा था ,उसने इसी नाम से पासपोर्ट बनवाया हुआ था। उसने नेपाल में एक रेस्तरां भी खोला था और वहां पढ़ाता भी था।
कई सालों तक नेपाल में रहा था आरिज
नेपाल में आरिज 2014 तक रहा। इस दौरान वह रियाज़ भटकल के संपर्क में आया। रियाज़ ने ही उसे इंडियन मुजाहिदीन को दोबारा खड़ा करने के लिए सऊदी अरब बुलाया था। इसके लिए वह 2014 में सऊदी अरब भी गया और वहां एक मजदूर बनकर सिमी और आइएम के लोगों से मिलता रहा।
इसके बाद 2017 में वह सऊदी अरब से वापस लौटा। फिर वो भारत में इंडियन मुजाहिदीन को खड़ा करने के लिए नेपाल से गतिविधियां चला रहा था और 2018 में इसी सिलसिले में भारत आते वक्त पकड़ा गया। आरिज़ को जिहाद के लिए आतिफ अमीन ने प्रेरित किया,आतिफ अमीन बटला हाउस एनकाउंटर में 2 साथियों मोहम्मद साजिद और मोहम्मद सैफ के साथ मारा गया था जबकि शहजाद अहमद और आरिज़ खान भागने में कामयाब रहे थे।
जीनियरिंग के छात्र रहे जुनैद के आतंकी बनने की कहानी भी अजीब है। यूपी के आजमगढ़ में जन्में जुनैद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान जिहाद से जुड़ने का फैसला लिया और पढ़ाई छोड़ दी। जिस समय जिहाद के लिए आतंकी संगठन को ज्वाइन करने का फैसला लिया, तब जुनैद यूपी के अन्य जिले मुजफ्फरनगर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। आतंकियों गतिविधियों में संलिप्तता के चलते यूपी पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनामी राशि 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी थी। तब वह महज 23 साल का था।