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नौकरी से घर क खर्च पूरा नहीं हुआ तो कुख्यात गैंगस्टर के नाम पर मांगी दो करोड़ की रंगदारी

नौकरी से जीवन यापन ठीक से न चलने पर जल्द अत्यधिक पैसा कमाने के उद्देश्य से इन्होंने व्यवसायी से रंगदारी वसूलने की साजिश रची और प्रयागराज से दो मोबाइल व सिमकार्ड खरीदकर वारदात को अंजाम देने की कोशिश की।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 12:54 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:03 PM (IST)
नौकरी से घर क खर्च पूरा नहीं हुआ तो कुख्यात गैंगस्टर के नाम पर मांगी दो करोड़ की रंगदारी
कुख्यात गैंगस्टर शक्ति बनकर व्यवसयायी से जल्द 2 करोड़ रंगदारी देने की मांग की थी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जनकपुरी के एक दवा व्यवसायी को धमकी देकर दो करोड़ रुपये मांगने वाले दो आरोपित को गिरफ्तार किया है। दोनों ने खुद को तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर शक्ति बनकर व्यवसयायी से जल्द 2 करोड़ रंगदारी देने की मांग की थी अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। दोनों कुछ महीने पहले तक जनकपुरी में दवा वयवसायी की दुकान के पास स्थित एक दवाई की दुकान पर काम करते थे। नौकरी से जीवन यापन ठीक से न चलने पर जल्द अत्यधिक पैसा कमाने के उद्देश्य से इन्होंने व्यवसायी से रंगदारी वसूलने की साजिश रची और प्रयागराज से दो मोबाइल व सिमकार्ड खरीदकर वारदात को अंजाम देने की कोशिश की। लेकिन ये अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।

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एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिबेश सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम दीपक सहरावत व सतीश कुमार है। दीपक गोल मार्केट का रहने वाला है। इसके पिता लेडी हार्डिंग अस्पताल में नौकरी करते थे। सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। उसके बाद दीपक ने गुरुग्राम से फार्मेसी में डिप्लोमा कर जनकपुरी में एक दवाई की दुकान पर नौकरी शुरू कर दी थी। वहीं पर शिकायकर्ता दवा व्यवासी की भी दुकान है। गोल मार्केट इलाके में रहने वाले गोलू उर्फ शैंकी गिरोह से दीपक काफी प्रभावित है। सतीश, महावीर एंक्लेव, उत्तम नगर का रहने वाला है।

वैसे मूलरूप से यह प्रयागराज का रहने वाला है। लाकडाउन खत्म होने के बाद यह भी दिल्ली आ गया था और जनकपुरी में दीपक के साथ दवाई की दुकान पर काम करना शुरू किया था। एक मार्च को दवा व्यवसायी ने क्राइम ब्रांच में शिकायत कर बताया कि 23 जनवरी को किसी ने तिहाड़ जेल से गैंगस्टर शक्ति होने की बता बताकर फोन कर दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगी। दो दिन के अंदर पैसे की व्यवस्था करने को कहा गया। उसी दिन रात को कॉलर ने दोबारा पैसे की मांग की। एक मार्च को तीसरी बार कॉल करने पर उन्होंने शिकायत कर दी।

डीसीपी भीष्म सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, एसआइ अरुण सिंधू ने मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करने पर पाया कि कॉलर ने हरी नगर व जनकपुरी से काल की थी। छानबीन के बाद पुलिस ने दो मार्च को पहले सतीश को उत्तम नगर से दबोच लिया। उससे पूछताछ के बाद दीपक को भी दबोच लिया गया। इनके पास से चार मोबाइल, सिमकार्ड व आइ 20 कार बरामद की गई। सतीश ने प्रयागराज से वारदात को अंजाम देने के लिए मोबाइल खरीदा था।


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