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Coronavirus vaccine News: लक्ष्य के लिए बढ़ानी होगी भागीदारी, भरोसे के साथ लें टीका

कई देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं। भारत में भी कुछ राज्यों में मामले बढ़ने लगे हैं। ऐसे में दिल्ली के लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है। वे कोरोना के नियमों का पूरी तरह से पालन करें तभी निजात संभव है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 12:34 PM (IST)
Coronavirus vaccine News: लक्ष्य के लिए बढ़ानी होगी भागीदारी, भरोसे के साथ लें टीका
अभी कोरोना का संक्रमण खत्म नहीं हुआ है।

नई दिल्‍ली, स्वदेश कुमार। देश में टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के बाद अब बुजुर्गो और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लग रहा है। लेकिन मौजूदा रफ्तार से लक्ष्य तक पहुंचने में काफी विलंब हो सकता है। केंद्र सरकार ने 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली में फिलहाल सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 192 केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा इस अभियान में आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों की भागीदारी भी लेनी चाहिए। साथ ही पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए। तभी हम लक्ष्य तक जल्दी पहुंच सकते हैं।

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पंजीकरण प्रक्रिया को बनाना होगा सरल : हमने देखा है टीकाकरण की शुरुआत से लेकर अभी तक पंजीकरण में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले मोबाइल नंबर के आधार पर रजिस्ट्रेशन होना था। बाद में आधार और पैन नंबर की मांग होने लगी।

टीकाकरण केंद्रों पर कोविन एप के काम नहीं करने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अब लाभाíथयों को स्वयं पंजीकरण कराने के लिए कहा जा रहा है। पंजीकरण वेब पोर्टल पर करना है, पर इस पर भार अधिक हो जाने के कारण कई लोग रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने सरकार को पहले ही प्रस्ताव दिया था कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। इसमें डीएमए का सहयोग लिया जा सकता है। डीएमए के अंतर्गत करीब 650 नìसग होम आते हैं। यहां पर भी टीकाकरण किया जा सकता है।

आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों का हो साथ : आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों का सहयोग लेकर लोगों को उनके घर के पास पंजीकरण की सुविधा के साथ टीका भी दिया जा सकता है। इससे लाभार्थी की पहचान भी सुनिश्चित हो जाती और लोगों को आसानी से टीका मिल जाता। टीकाकरण शुरू होने से पहले फोन कर बुजुर्गो और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का डाटा लिया जा रहा था। उसके आधार पर भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता था। इतनी बड़ी आबादी को टीका लगाने के लिए काफी संख्या में स्वास्थ्यकíमयों की जरूरत है। इसलिए इसका दायरा बढ़ाना चाहिए।

भरोसे के साथ लें टीका: अच्छी बात यह है कि दोनों स्वदेशी टीके सुरक्षित हैं। अब तक इनका कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। कुछ लाभार्थियों को टीका लगाने के बाद चक्कर, उल्टी और हल्का बुखार जरूर हुआ है लेकिन ये सकारात्मक लक्षण हैं। हर टीके के बाद इस तरह के लक्षण सामने आते हैं। अब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टीका लगवा लिया है। इसलिए टीके पर किसी को संशय नहीं करना चाहिए। सभी लोग इसके लिए आगे आएं। सरकार के आदेशों का पालन करें और उसके अनुरूप अपना नंबर आने पर टीका अवश्य लगवाएं। यह कोरोना को रोकने में सहायक साबित होगा, क्योंकि अभी कोरोना का संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। 

[डा. बीबी वाधवा, अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन]


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