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DU Election: डीयू कार्यकारी-अकादमिक परिषद के चुनाव आज, 6000 तदर्थ शिक्षक करेंगे मतदान

DU Executive Academic Council Election शुक्रवार को कार्यकारी परिषद की दो जबकि अकादमिक परिषद की 17 सीटों के लिए मतदान होगा। डीयू ने मतदान के दौरान शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए 40 मतदान केंद्र बनाए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 11:30 AM (IST)
DU Election: डीयू कार्यकारी-अकादमिक परिषद के चुनाव आज, 6000 तदर्थ शिक्षक करेंगे मतदान
डीयू के कई कालेजों में तदर्थ शिक्षक 15 साल से भी अधिक समय से पढ़ा रहे हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अकादमिक और कार्यकारी परिषद के चुनाव में शिक्षक संगठन अपनी जीत सुनिश्चित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। चुनाव में किस शिक्षक संगठन के सिर जीत का सेहरा सजेगा यह काफी हद तक तदर्थ शिक्षक ही सुनिश्चित करेंगे। शायद इसीलिए चुनाव में इस बार तदर्थ शिक्षकों का मुद्दा जोर शोर से उठाया जा रहा है। शुक्रवार को कार्यकारी परिषद की दो जबकि अकादमिक परिषद की 17 सीटों के लिए मतदान होगा। डीयू ने मतदान के दौरान शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए 40 मतदान केंद्र बनाए हैं।

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डीयू देश का संभवत: पहला ऐसा केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जहां पर तदर्थ शिक्षक न केवल शिक्षक संघ बल्कि कार्यकारी और अकादमिक परिषद के चुनावों में भी मतदान करते हैं। तदर्थ शिक्षक, शिक्षक प्रतिनिधियों से यह आश्वासन चाहते हैं कि वह जहां पर पढ़ा रहे हैं, वहीं उनको समायोजित किया जाए। शिक्षक मनोज कुमार कहते हैं कि डीयू के कई कालेजों में तदर्थ शिक्षक 15 साल से भी अधिक समय से पढ़ा रहे हैं। स्थायी करने की उम्मीद है, लेकिन कब तक होंगे यह निश्चित नहीं है। प्रत्येक चार महीने बाद दोबारा नियुक्ति होती है।

तदर्थ शिक्षकों के नवीनीकरण नोटिस पर डूटा ने जताई आपत्ति

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध दौलतराम कालेज ने तदर्थ शिक्षकों की सेवा विस्तार के लिए नवीनीकरण नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि तदर्थ शिक्षकों के खिलाफ एक भी शिकायत आने पर उन्हें बिना नोटिस दिए सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इस पर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने आपत्ति जताई है। तदर्थ शिक्षकों ने बताया कि नोटिस में जिक्र है कि यदि किसी तदर्थ शिक्षक के खिलाफ कोई छात्र, टीचर इंचार्ज, प्रशासनिक अधिकारी शिकायत करते हैं या फिर विभाग का वर्कलोड कम होने पर शिक्षक की जरुरत नहीं महसूस होती है तो ऐसी परिस्थिति में बिना नोटिस दिए भी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। दौलतराम कालेज में 100 से अधिक तदर्थ शिक्षक पढ़ाते हैं। ऐसे में यह नोटिस पढ़ने के बाद शिक्षकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई है।

डूटा अध्यक्ष राजिब रे ने प्राचार्य को एक पत्र लिखकर इस तरह के नोटिस को वापस लेने की मांग की है। उन्होने लिखा है कि, सिर्फ किसी की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। नवीनीकरण नोटिस में इस तरह के प्रावधानों का डूटा विरोध करता है एवं ये अस्वीकार है। मांग की गई है कि तत्काल नोटिस में से इसे हटाया जाए।

मतदान केंद्र बनाए गए हैं कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए

दिल्ली सरकार से आग्रह है कि जब भी समग्र शिक्षा के शिक्षकों की वेकैंसी आए तो अतिथि शिक्षकों के तौर पर नियुक्त किए गए सभी समग्र शिक्षा के शिक्षकों को उसके तहत नियुक्ति दी जाए और जिनकी अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है उन्हें भी बतौर अतिथि शिक्षक दिल्ली सरकार के स्कूलों में नियुक्ति दी जाए। - महेंद्र सिंह मीणा, अध्यक्ष, एसएसए कांट्रैक्ट शिक्षक एसोसिएशन

अनुबंध खत्म होने के बाद बेरोजगार समग्र शिक्षा के शिक्षकों के रोजगार को बचाने लिए उनको अतिथि शिक्षक के तौर पर नियुक्ति देना दिल्ली सरकार और शिक्षा विभाग का बहुत ही सराहनीय कार्य है। शिक्षा विभाग से उम्मीद है कि जिन शिक्षकों को फिलहाल नियुक्ति नहीं मिल पाई है उन्हें जल्द ही मिल जाएगी। - शोएब राणा, पदाधिकारी, आल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन


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