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Farmers Protest: राजधानी में हिंसा के बाद अपने बचाव में आए योगेंद्र यादव और गुरनाम चढ़ूनी

किसान आंदोलन के तहत ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी में हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी अपना बचाव करने में जुट गए। योगेंद्र यादव शाहजहांपुर बार्डर पर निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड में शामिल थे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 07:05 AM (IST)
Farmers Protest: राजधानी में हिंसा के बाद अपने बचाव में आए योगेंद्र यादव और गुरनाम चढ़ूनी
किसानों से शांति बनाए रखने के बयान की वीडियो क्लिप जारी की।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। किसान आंदोलन के तहत ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी में हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी अपना बचाव करने में जुट गए। योगेंद्र यादव शाहजहांपुर बार्डर पर निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड में शामिल थे। यादव ने अपने बयान की वीडियो क्लिप जारी करते हुए कहा कि दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की वे कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आंदोलन में शांति बनाए रखने और जो किसान तय रूट से अलग दिल्ली में घुस गए हैं, उनसे कहा कि वे तुरंत वापस अपने स्थान पर पहुंचें। यादव ने तो इस बयान में यहां तक भी कहा है कि किसानों ने अब तक जो कुछ किया, उसे पीछे छोड़कर वे वापस अपने धरना स्थल पर पहुंच जाएं।

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इसी तरह हरियाणा किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी वीडियो क्लिप जारी कर कहा है कि दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा निंदनीय है। आंदोलन में शामिल किसान शांति बनाए रखें। चढूनी ने शंका जताई कि आंदोलन धार्मिक रूप न ले ले। इसलिए सभी किसान संयम बरतें। उन्होंने इस आंदोलन को जाति-मजहब से अलग किसान हित के लिए बताया। यह भी माना जा रहा है कि इन नेताओं ने यह बयान दिल्ली पुलिस की आपराधिक कार्रवाई से बचने के लिए जारी किया है।

वहीं, इन दोनों नेताओं से अलग संयुक्त किसान मोर्चा की सात सदस्यीय समन्वय समिति में शामिल किसान नेता शिवकुमार शर्मा 'कक्का जी' ने राजधानी में हुई हिंसा से अपना पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष दिल्ली पुलिस के सिर कर दिया। कक्का जी का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने जो तीन रूट तय किए, उन पर संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति नहीं थी। जबकि संयुक्त मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्यों ने इन्हीं रूट पर अपनी मुहर लगाते हुए किसानों से शांति बनाए रखने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की थी।

हरियाणा  के भारतीय किसान यूनियन (अतर) के  प्रधान अतर सिंह संधू ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लालकिला की प्राचीर पर तिरंगे के अलावा अन्य झंडा फहराना राष्ट्र का अपमान है। इससे किसान आंदोलन को जो आम जनमानस का समर्थन मिल रहा था, उसमें कमी आएगी। हम राजधानी में हिंसा व अराजकता की कड़ी निंदा करते हैं। फिलहाल तीन कृषि कानून वापस लिए जाने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली पुलिस के साथ ट्रैक्टर परेड के लिए रूट तय करने की बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के योगेंद्र यादव, गुरनाम चढ़ूनी सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल रहे थे। यह रूट किसानों की सहमति से तय हुए थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सुबह दस बजे तक कई जगह पहले से लगे बैरिकेड्स नहीं हटाए थे। इससे किसानों में नाराजगी थी।

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