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करोड़ों बीमार लोगों के लिए राहत की खबर, मार्च तक आएगी आनुवंशिक बीमारियों के फ्री इलाज की नीति

Treatment Of Genetic Diseases स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिव ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते इस नीति को अंतिम रूप देने में देरी हुई है। केंद्र सरकार ने भरोसा जताया है कि 31 मार्च 2021 तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:47 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:47 AM (IST)
करोड़ों बीमार लोगों के लिए राहत की खबर, मार्च तक आएगी आनुवंशिक बीमारियों के फ्री इलाज की नीति
नई नीति के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Treatment Of Genetic Diseases: आनुवंशिक या दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त मरीजों को निश्शुल्क इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में केंद्र में सत्तासीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) सरकार तेजी से काम कर रही है। इससे जुड़ी राष्ट्रीय नीति-2020 का मसौदा तैयार किया जा रहा है, जिसे 31 मार्च 2021 तक मंजूरी दे दी जाएगी। यह जानकारी निशुल्क इलाज की मांग को लेकर 12 साल के केशव शर्मा समेत अन्य की याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को दी है। केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह की पीठ के समक्ष हलफनामा दाखिल किया है। इसमें बताया कि नई नीति के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से मंजूरी के बाद इसे सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य हित पक्षकारों के साथ साझा किया गया, ताकि सुझाव व आपत्ति पर विचार किया जा सके।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिव ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते इस नीति को अंतिम रूप देने में देरी हुई है। केंद्र सरकार ने भरोसा जताया है कि 31 मार्च 2021 तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। केंद्र सरकार ने दुर्लभ और आनुवंशिक बीमारियों से पीड़ितों के इलाज के लिए राष्ट्रीय नीति को 2017 में लागू किया था, लेकिन इसे लागू करने में हो रही परेशानियों को देखते हुए नई नीति बनने तक प्रभावहीन कर दिया गया था।

अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से याचिका दायर कर 12 साल के केशव शर्मा व अन्य मरीजों ने निश्शुल्क इलाज की मांग की थी। इस पर केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि दुर्लभ बीमारी से पीडि़त याचिकाकर्ता का इलाज क्राउड फंडिंग अर्थात चंदा जुटाकर करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से लोगों से और निजी कंपनियों से चंदा जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

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