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Delhi: 6 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में पति-पत्नी गिरफ्तार, बेंच दी थी गिरवी रखी हुई प्रॉपर्टी

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है जिसने पहले से ही गिरवी रखी हुई संपत्ति को बेच दी। दरअसल शिकायतकर्ता अनिल अग्रवाल ने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 में वह अपने आवास के लिए एक संपत्ति की तलाश कर रहे थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 04:16 PM (IST)
Delhi: 6 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में पति-पत्नी गिरफ्तार, बेंच दी थी गिरवी रखी हुई प्रॉपर्टी
पीड़ित ने 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक ऐसे पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है जिसने पहले से ही गिरवी रखी हुई संपत्ति को बेच दी। दरअसल, शिकायतकर्ता अनिल अग्रवाल ने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 में वह अपने आवास के लिए एक संपत्ति की तलाश कर रहे थे और इस सिलसिले में उन्होंने एक दलाल के माध्यम से संजय अग्रवाल के साथ मदन मोहन मित्तल और उनकी पत्नी से मुलाकात की। मदन मोहन मित्तल ने उन्हें अपनी पत्नी के नाम संपत्ति के दस्तावेज दिखाए। इसके बाद पीड़ित ने 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

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प्रॉपर्टी पर लोन लेकर करोड़ों की ठगी के मामले में एक और धरा

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने किराये की प्रॉपर्टी पर लोन लेकर बैंक व कंपनियों को 6.70 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में सुनील आनंद को गिरफ्तार किया है। उसने फर्जीवाड़े में मुख्य आरोपित सचिन शर्मा की मदद की थी। सचिन ने मृत पिता सहित तीन के नाम पर अलग-अलग बैंक और कंपनियों से लोन लेकर फर्जीवाड़ा किया था। पुलिस सचिन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अन्य की तलाश जारी है।

ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि सूरजमल विहार स्थित डी-117 की मालकिन रीता बब्बर ने पुलिस में शिकायत की थी। इसमें कहा कि सूरजमल विहार डी-177 की प्रॉपर्टी उन्होंने सचिन शर्मा, उसके पिता मांगे राम शर्मा और राहुल शर्मा को वर्ष 2014 में किराये पर दी थी। वे फरवरी 2016 तक उसमें रहे भी थे। इसके बाद चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों का जुलाई 2016 में उनके पास फोन आया। कंपनी ने बताया कि उक्त संपत्ति पर राहुल शर्मा ने 2.25 करोड़ रुपये का लोन ले रखा है। वहीं, उसी प्रॉपर्टी पर मांगे राम शर्मा और सचिन शर्मा के नाम से भी एक्सिस बैंक और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से 2.19 करोड़ 2.25 करोड़ का लोन लिया गया था।

इसके बाद मुकदमा दर्ज कर डीसीपी मुहम्मद अली की टीम ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि सचिन ने योजनाबद्ध तरीके से प्रॉपर्टी के अलग-अलग तीन फर्जी कागजात बनाकर ठगी की है। मांगे राम शर्मा सचिन का पिता थे। उनकी मौत 21 अप्रैल 2015 को हो चुकी थी, जबकि उनके नाम से 30 अप्रैल 2015 को होम लोन लिया गया था। इसमें सुनील आनंद ने फर्जी दस्तावेज बनवाने में सचिन की मदद की थी। इसके बाद पुलिस ने पहले सचिन शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, 27 नवंबर को अन्य आरोपित सुनील आनंद को भी दबोच लिया।

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