Dengue Fever: कोरोना के बीच दिल्ली में डेंगू भी बरपा सकता है कहर, तीनों MCD ने लोगों को दी सलाह
Dengue Treatment Managementडेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा 31 तक पहुंच गया है। साथ ही चिकनगुनिया के दो नए मरीजों के साथ कुल मरीजों की संख्या 18 तक जा पहुंची है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Dengue Treatment & Management: कोरोना वायरस संक्रमण के बीच बढ़ रहे मलेरिया के पांच तो डेंगू के तीन नए मामले में सामने आए हैं। दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बीते एक सप्ताह में मलेरिया के पांच नए मामलों के साथ कुल मरीजों का आंकड़ा 45 तक जा पहुंचा है। वहीं, डेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा 31 तक पहुंच गया है। साथ ही चिकनगुनिया के दो नए मरीजों के साथ कुल मरीजों की संख्या 18 तक जा पहुंची है। इस बार मलेरिया का प्रकोप सर्वाधिक देखने को मिल रहा है। निगमों ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी नगारिकों से जागरूक और सतर्क रहने की अपील की है।
जानें- कैसे बचें डेंगू से
- डेंगू सामान्य तौर पर दिन में ही काटता है, ऐसे में पकड़े ऐसे पहनें, जिससे शरीर पूरी तरह से ढंका हो। खासकर बारिश के दिनों में फुल बाजू के शर्ट ही पहनने चाहिए।
- कूलर में कई दिनों तक पानी नहीं जमा होने दें। अगर कूलर ज्यादा दिनों से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो साफ करके अलग रख दें। कूलर में यदि पानी है तो इसमें किरासन तेल डालें जिससे कि मच्छर पनप ना पाए।
- घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें। ऐसा करना डेंगू को न्योता देना है।
- जरूरत पड़ने पर सोने के दौरान मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। मच्छरों को भगाने के लिए दूसरे अन्य उपाय भी अपनाएं।
- पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें, यहां पर भी डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं।
कैसे होता है डेंगू
जब किसी इंसान को डेंगू वायरस वाला मच्छर काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है। डेंगू मच्छर के काटे जाने के तकरीबन 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है। ऐसे में लक्षण दिखने पर सतर्क हो जाना चाहिए।
क्या करें जब डेंगू की चपेट में आ जाएं तो
तेज बुखार, थकान आदि के लक्षण दिखने पर सबसे पहले नजदीकी डॉक्टर से सहायता लें और खून में प्लेटलेट्स की जांच करवा लें। अगर रिपोर्ट बताए कि आपको डेंगू है तो घबराए नहीं। इलाज की कड़ी में मरीज के शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाएं। उसे लगातार पानी देते रहें नहीं तो शरीर में पानी की कमी हो सकती है। नसों के जरिए भी रोगी को तरल दिया जाता है, लेकिन यह डॉक्टर ही करते हैं। इस बीच मरीज के खून में यदि प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाए या फिर खून चढ़ाना भी पड़ सकता है। मरीज को भरपूर आराम करना चाहिए।