एम्स में आत्महत्या की घटनाओं से सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
एम्स में पिछले दो सप्ताह में आत्महत्या की चार घटनाएं हुई हैं। इससे एम्स की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। खास पर तौर एम्स की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था पर एम्स करोड़ो रुपये खर्च करता है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली
एम्स में पिछले दो सप्ताह में आत्महत्या की चार घटनाएं हुई हैं। इससे एम्स की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। खास पर तौर एम्स की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था पर एम्स करोड़ो रुपये खर्च करता है। बावजूद एक के बाद एक आत्महत्या की घटनाओं से एम्स के डॉक्टर व कर्मचारी भी हैरान हैं।
आत्महत्या करने वालों में दो मरीज थे, जिन्होंने अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान खुदकुशी की। यह भी तब जबकि एम्स के हर वार्ड, ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड में बड़ी संख्या में गार्ड तैनात रहते हैं। उनकी मर्जी के बगैर तीमारदार भी वार्ड में नहीं जा पाते। बताया जा रहा है कि एम्स में करीब ढाई हजार सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। जिन पर एम्स साल में करीब 35 करोड़ खर्च करता है। बुधवार की रात एम्स के पुराने ओपीडी ब्लॉक में शुरू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती एक मरीज ने बाथरूम में जाकर खुदकुशी कर ली। कहा जा रहा है कि पानी चढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की पाइप से उसने फांसी लगा दी। सवाल यह उठाया जा रहा है कि प्लास्टिक का पाइप लेकर वह बाथरूम में कैसे पहुंचा। किसी सुरक्षा कर्मचारी ने उसे देखा क्यों नहीं और यदि किसी ने देखा तो उसे रोका क्यों नहीं। पिछले दिनों एम्स ट्रॉमा सेंटर में एक पत्रकार के खुदकुशी करने की घटना हुई थी। इस घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक को पद से भी हटा दिया। उस कार्रवाई के बावजूद एम्स में खुदकुशी की घटना सामने आई है।