AIIMS: 17 जुलाई की बैठक में टीके के क्लीनिकल ट्रायल को मिल सकती है मंजूरी
आइसीएमआर ने तीन जुलाई को एक पत्र लिखकर सात जुलाई से एम्स सहित 12 संस्थानों में टीके का ट्रायल शुरू करने का निर्देश दिया था।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दुनियाभर में कोरोना का टीका जल्द विकसित करने के लिए तेजी से प्रयास चल रहे हैं। वहीं, देश में विकसित स्वदेशी टीके के ट्रायल पर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute Of Medical Sciences, New Delhi) की चाल सुस्त नजर आ रही है। टीके को लेकर एम्स की संजीदगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वैश्विक महामारी के दौर में भी संस्थान की आचार समिति चिर-परिचित कछुआ चाल चल रही है। एम्स टीके के ट्रायल को आचार समिति से मंजूरी मिलना तो दूर अभी तक इस मामले पर चर्चा के लिए समिति की दूसरी बैठक भी नहीं हुई है। पहली बैठक के 15 दिन के अंतराल पर अभी 17 जुलाई को समिति की दूसरी बैठक होगी।
वहीं, उम्मीद की जा रही है कि 17 जुलाई की बैठक में टीके के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी मिल सकती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने तीन जुलाई को एक पत्र लिखकर सात जुलाई से एम्स सहित 12 संस्थानों में टीके का ट्रायल शुरू करने का निर्देश दिया था।
आइसीएमआर ने यह निर्देश दिया था कि सभी संस्थान स्वीकृति की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ट्रायल शुरू करें, ताकि टीके का ट्रायल के काम में तेजी आ सके। इसके बाद 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन एम्स की आचार समिति से टीके के ट्रायल को मंजूरी नहीं मिल पाई है। दरअसल, किसी भी क्लीनिकल ट्रायल के लिए संस्थान की आचार समिति की मंजूरी लेना जरूरी होता है। यह समिति समीक्षा करने के बाद ट्रायल के लिए मंजूरी देती है। एम्स की आचार समिति के सामने 30 जून को कोविड-19 के इलाज के लिए भारत में विकसित कोवैक्सीन के ट्रायल का प्रस्ताव रखा गया था। तीन जुलाई को समिति की बैठक हुई थी जिसमें वैक्सीन के ट्रायल पर चर्चा हुई थी। समिति में 16 सदस्य हैं जिनमें एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों के अलावा कई दूसरे संस्थानों के डॉक्टर व विशेषज्ञ शामिल हैं।
ट्रायल के प्रोटोकॉल में बदलाव को मंजूरी
एम्स का कहना है कि आचार समिति ने पहली बैठक में कुछ सवाल उठाए थे और सुझाव दिए थे। इन सुझावों के आधार पर टीका विकसित करने वाली कंपनी ने ट्रायल का संशोधित प्रोटोकॉल ड्रग कंट्रोलर के पास संलग्न किया गया था। जिसे स्वीकृति मिल गई है। संशोधित प्रोटोकॉल एम्स को मिल गया है। उम्मीद है कि समिति की अगली बैठक में ट्रायल को मंजूरी मिल जाएगी।