एंकर : उपनगरी द्वारका में प्रकृति ने ओढ़ी पीली चादर
यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं और प्रकृति की सुंदरता को देखना चाहते हैं तो द्वारका सेक्टर 10 तशरीफ लाएं। यहां कतार में लगे अमलताश के अनेकों पेड़ पीले पीले फूलों से लदे हैं। यहां आकर ऐसा लगता है मानों प्रकृति ने पीली चादर ही ओढ़ ली हो।
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और प्रकृति की सुंदरता को देखना चाहते हैं तो द्वारका सेक्टर-10 आएं। यहां कतार में लगे अमलताश के अनेकों पेड़ पीले-पीले फूलों से लदे हैं। ऐसा लगता है मानों प्रकृति ने पीली चादर ही ओढ़ ली हो।
कंक्रीट से बनी ऊंची इमारतों वाली उपनगरी द्वारका में प्रकृति का ऐसा सुंदर रूप देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। सेक्टर-10 में एक कतार से लगभग डेढ़ किलोमीटर के गलियारे में एक, दो नहीं, बल्कि लगभग 200 अमलताश के पेड़ इन दिनों पीले-पीले फूलों से लदे हैं। गर्मी के इस मौसम में जब तापमान चरम की ओर बढ़ रहा है, पार्को में लगे फूल मुरझाए नजर आते हैं, उसी मौसम में इन पेड़ों पर ताजे-ताजे फूल के दर्शन कर मन प्रसन्न हो जाता है।
द्वारका निवासी टीसी सागर बताते हैं कि राजधानी में एक साथ कतार में इतनी संख्या में अमलताश के पेड़ सिर्फ द्वारका में ही दिखाई देते हैं। उन्होंने बताया कि सेक्टर-10 का यह गलियारा न सिर्फ द्वारका के प्रकृति प्रेमियों को, बल्कि राजधानी के अन्य हिस्सों में रहने वाले प्रकृति प्रेमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। प्रकृति से जुड़े फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह है। उधर, डीडीए उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि द्वारका उपनगरी में उद्यान विभाग ने अन्य इलाकों की तुलना में कुछ अलग करने की कोशिश की है। हमारी कोशिश है कि एक सेक्टर में एक ही तरह के पेड़ लगाए जाएं, ताकि उस सेक्टर की पहचान या विशेषता के रूप में किसी खास किस्म के फूल या किसी खास पेड़ की पहचान हो। सेक्टर-10 की पहचान अमलताश के पेड़ों के रूप में की जाती है। उसी प्रकार सेक्टर-4 में हम ने योजना के तहत गुलमोहर के पेड़ लगाए हैं। इसी प्रकार कुछ सेक्टर में अशोक के पेड़ लगाए गए हैं।