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कोरोना के संक्रमण के बीच हीट स्ट्रोक का खतरा

राज्य ब्यूरो नई दिल्ली मौसम का तापमान ज्यादा बढ़ने व झुलसा देने वाली गर्मी से हीट स्ट्रोक का खतरा

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 01:51 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 01:51 AM (IST)
कोरोना के संक्रमण के बीच हीट स्ट्रोक का खतरा
कोरोना के संक्रमण के बीच हीट स्ट्रोक का खतरा

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

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मौसम का तापमान ज्यादा बढ़ने व झुलसा देने वाली गर्मी से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। कोरोना के संक्रमण के कारण लोगों ने शुरुआती गर्मी लोगों ने घर में रहकर काटी है। ऐसे में डॉक्टर कहते हैं कि इस बार हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा है। इसलिए धूप में संभल कर रहें। खानपान में मौसमी फलों का इस्तेमाल ज्यादा करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें।

डॉक्टर कहते हैं कि वैसे तो गर्मी झेल पाने की हर व्यक्ति की क्षमता अलग-अलग होती है, लेकिन सामान्य तौर पर 40-42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर इसे नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। ऐसी स्थिति में अधिक देर तक धूप में काम करने से हीट स्ट्रोक की आशका रहती है। हीट स्ट्रोक के कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक के अलावा किडनी व लिवर भी खराब हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि हीट स्ट्रोक अचानक नहीं होता। उसके पहले हीट एग्जॉशन की समस्या होती है। उसके लक्षणों को पहचान कर हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है। फोíटस अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि हीट स्ट्रोक से पहले शरीर में पानी की कमी होने लगती है और पसीना बहुत ज्यादा आता है। इसके अलावा कमजोरी महसूस होने लगती है। ब्लड प्रेशर अचानक थोड़ा कम हो सकता है। इस वजह से चक्कर आ सकता है। ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से व्यक्ति सामान्य हो जाता है। दूसरे स्टेज में मासपेशियों में दर्द व थकान शुरू हो जाती है। सिर में तेज दर्द हो सकता है। तीसरे स्टेज में मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। इसके बाद चौथे स्टेज में हीट स्ट्रोक होता है। इस स्थिति में तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है।

पसीना बंद होना खतरे की घटी

उन्होंने कहा कि हीट स्ट्रोक होने पर पसीना आना बंद हो जाता है। यह खतरे की घटी है। पसीना आना बंद होने से शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। इस वजह से शरीर में कई तरह बदलाव शुरू हो जाते हैं, जो किडनी खराब होने, हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। इसलिए यदि किसी को हीट स्ट्रोक जैसा महसूस हो तो सबसे जरूरी चीज है कि उसे ठंडे वतावरण में ले जाएं। पीड़ित को एसी में रख सकते हैं या स्नान करा सकते हैं। इसके अलावा शरीर का हाइड्रेशन बनाकर रखने के लिए खूब पानी पीना चाहिए। नीबू-पानी, नारियल पानी भी लेना चाहिए। पैक जूस का ज्यादा फायदा नहीं है। ओआरएस लेना फायदेमंद होता है। उन्होंने कहा कि इस साल लोग अभी गर्मी सहने में ज्यादा सक्षम नहीं हो पाए हैं, क्योंकि लॉकडाउन के कारण लोग लंबे समय से घर में हैं।

ऐसे करें बचाव

पानी, नींबू पानी, नारियल पानी का इस्तेमाल अधिक करें। हर तीन घटे पर पानी पीना चाहिए।

सिंथेटिक कपड़ों से करें परहेज

गर्मी में स्किन बर्न की समस्या भी होती है। इसलिए सूती कपड़े पहनने चाहिए। सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करना बेहतर रहेगा।

ऐसे करें बच्चों व बुजुर्गो का बचाव

मकानों में सबसे ऊपरी मंजिल के घरों में पंखे की हवा भी गर्म होती है। इसलिए घर में बुजुर्ग व बच्चों के गर्मी से बचाव के लिए कूलर या एसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। घर से बाहर निकलने पर लोग गर्मी से बचने के लिए छाता का इस्तेमाल करें।


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