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Happy Eid-ul-Fitr 2020: कोरोना के खौफ ने मीठी ईद को भी कर दिया 'फीका', लोग बोले- इस बार दिल मिलेंगे पर गले नहीं

Happy Eid-ul-Fitr 2020 फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि ईद का नमाज पढ़ने का समय सुबह 7 बजे से 11.15 तक है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 07:34 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 08:57 AM (IST)
Happy Eid-ul-Fitr 2020: कोरोना के खौफ ने मीठी ईद को भी कर दिया 'फीका', लोग बोले- इस बार दिल मिलेंगे पर गले नहीं
Happy Eid-ul-Fitr 2020: कोरोना के खौफ ने मीठी ईद को भी कर दिया 'फीका', लोग बोले- इस बार दिल मिलेंगे पर गले नहीं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Happy Eid-ul-Fitr 2020: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खौफ ने मुस्लिम भाइयों की मीठी ईद को भी फीका कर दिया है। लोग घर पर, घर की छतों पर नमाज पढ़कर ईद मना रहे हैं। इस दौरान न तो कोई गले मिल रहा है और न ही उस जिंदादिली से बधाई दे रहा है, जैसे पहले होता था।

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मुस्लिम परिवारों की माने तो यह ईद देश की पहली ऐसी ईद होगी, जिस पर लोग मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ेंगे, ना किसी के घर जाएंगे, ना गले मिलेंगे और ना ही किसी से हाथ मिलाएंगे।

वहीं, आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब ईद के रोज दिल्ली की जामा मस्जिद समेत सभी मस्जिदें बंद हैं। इसी के साथ लोग सुबह 7 बजे से घरों में ही रहकर ईद की नमाज अदा कर रहे हैं। बता दें कि ईद की नमाज पढ़ने का समय सुबह 7 बजे से शुरू हो कर 11.15 बजे तक है। इस बीच कुछ लोग घरों से बाहर भी निकले हैं, लेकिन फीजिकल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रख रहे हैं। उधर, नियमों के उल्लंघन के मामले भी सामने आए हैं।

ऐसा पहली बार है, जब लोग ईद की खुशियों में मस्जिदों को शामिल नहीं कर पाएंगे। इस पाक मौके पर मस्जिदों में रौनक देखते ही बनती थी। नए-नए कपड़ों में बच्चों की मस्ती माहौल को खुशनुमा बनाती थी। इस बार ईद की नमाज घर पर पढ़नी है।

फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि ईद का नमाज पढ़ने का समय सुबह 7 बजे से पूर्वाह्न 11.15 तक है। इसके बीच में लोग घरों में ही अपनी सहूलियत के अनुसार नमाज पढ़े। घर की नमाज में 4 रकात नफील नमाज पढ़ लें। नमाज में उन्होंने देश को इस बीमारी से निजात मिलने की दुआ करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि इसके पहले स्नान कर लोग खजूर, सेवई या किसी अन्य मीठे व्यंजन से मुंह मीठा कर लें। नमाज के बाद फिर लोग एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दें। शाही इमाम ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों से गले नहीं मिले, न हाथ मिलाएं। अपने दस्तरखाने में भी किसी को न बुलाएं।

नई सड़क की निवासी सादिया सईद कहती हैं कि उनकी नानी का घर बमुश्किल आधे किलोमीटर पर ही है, लेकिन अपनी और सबकी सेहत का ख्याल रखते हुए बाहर नहीं निकलेंगी। गले मिलकर बधाई देने का सवाल ही नहीं उठता, बल्कि दूर-दूर से ही मुबारकबाद का दौर चलेगा।


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