दंगे के दौरान IB जवान की हत्या पर पिता का सनसनीखेज आरोप, कहा- पार्षद के घर में छिपी थी हिंसक भीड़
पिता का आरोप है कि नेहरू विहार के पार्षद ताहिर हुसैन के घर में छिपे बैठे दंगाइयों ने उन्हें खींच लिया। इसके बाद उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। उत्तर पूर्वी जिले में तीन दिनों की हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल के बाद अब आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) के जवान की हत्या का मामला सामने आया है। दंगाइयों ने अंकित शर्मा नामक इस जवान की हत्या करने के बाद शव को चांद बाग पुलिया के नाले में फेंक दिया था। बुधवार को पुलिस ने शव बरामद किया। अंकित आइबी में सुरक्षा सहायक (कांस्टेबल) के पद पर कार्यरत थे। मंगलवार शाम से वह लापता थे। पिता का आरोप है कि नेहरू विहार के पार्षद ताहिर हुसैन के घर में छिपे बैठे दंगाइयों ने उन्हें खींच लिया। इसके बाद उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया है।
2017 में भर्ती हुए थे अंकित
जानकारी के मुताबिक मूलरूप से मुजफ्फरनगर, उप्र के रहने वाले अंकित शर्मा यहां परिवार के साथ खजूरी के ई ब्लॉक में रहते थे। वह साल 2017 में आइबी में भर्ती हुए थे। पिता रविंदर शर्मा भी आइबी में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। रविंदर शर्मा ने बताया कि मंगलवार दिन में दिन में करीब चार बजे अंकित कार्यालय से घर लौटे थे। तभी उन्हें पता चला कि चांद बाग पुलिया के पास हिंसा हो रही है। वह मौके का मुआयना करने वहां पहुंच गए। इसके बाद से वह गायब थे। शाम को उनकी तलाश शुरू हुई। रात में पुलिस को जानकारी दी गई।
पिता ने कहा यह हत्या है
दयालपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। रविंदर शर्मा ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या ताहिर हुसैन के घर में छिपे दंगाइयों ने की है। उन्होंने कहा कि उन्हें आसपड़ोस के लोगों से पता चला कि मंगलवार दिन में करीब पांच बजे अंकित यहां लोगों को समझा रहे थे। इसी दौरान ताहिर हुसैन के घर से निकले दंगाइयों ने उन्हें घेर लिया। उन्हें घसीटकर अंदर ले गए थे। शव को देखकर पता चलता है कि बहुत बेरहमी से उन्हें मारा गया। पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या का कहना है दयालपुर थाने में हत्या का केस दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। आरोपों की जांच की जा रही है।
पार्षद का पक्ष
ये सब आरोप लगत हैं। सोमवार को मेरे घर पर बहुत सारे लोग हमले के लिए आ गए थे। इसे देखते हुए पुलिस ने मुझे यहां हटा दिया था। हमने पुलिस बल की मौजूदगी की मांग की थी। मंगलवार को मैं अपने घर कपड़े लेने पहुंचा तो भी मुझे पुलिस ने हटा दिया था। मैं सांप्रदायिक सौहार्द का पक्षधर रहा हूं। अमन-चैन के लिए जीवन भर काम किया है।
ताहिर हुसैन, पार्षद