हैप्पीनेस क्लास की चर्चा विदेश में भी, कई देशों से लोग जानकारी लेने पहुंच रहे भारत
दिल्ली सरकार की इस पहल से बच्चे अधिक जागरूक हो गए हैं। दोस्तों और पड़ोसियों के साथ स्वस्थ संबंध विकसित करने और भावनात्मक रूप से मजबूत होने की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार ने बच्चों को तनाव मुक्त करने के लिए हैप्पीनेस क्लास की शुरूआत की थी। सरकार की इस मुहिम की चर्चा विदेशों में भी अक्सर होती रही है। हैप्पीनेस क्लास बच्चों में सकारात्मक बदलाव पैदा कर रही है। दिल्ली सरकार की इस पहल से बच्चे अधिक जागरूक हो गए हैं। दोस्तों और पड़ोसियों के साथ स्वस्थ संबंध विकसित करने और भावनात्मक रूप से मजबूत होने की कोशिश कर रहे हैं। यह बातें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वेस्ट विनोद स्थित राजकीय सवरेदय बाल विद्यालय में हैप्पीनेस क्लास में बच्चों से बातचीत के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि विदेशों में हैप्पीनेस क्लास को लेकर विशेष चर्चाएं हो रही हैं। विभिन्न देशों से लोग हैप्पीनेस क्लास की जानकारी लेने भारत पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप दिल्ली सरकार के स्कूलों की हैप्पीनेस क्लास में शामिल होंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
शिक्षक भी हैप्पीनेस क्लास में एक अच्छे संदेश के साथ भावनात्मक कहानियां पढ़ाते हैं और बच्चों के भावनात्मक विकास पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में पुन: दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद सिसोदिया ने शनिवार को स्कूल का निरीक्षण किया। उन्होंने हैप्पीनेस क्लास में बच्चों के बीच बैठकर उनसे बातचीत कर माइंडफुलनेस क्लास में भाग लिया और शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जा रहे पाठयक्रम की जानकारी ली। इस बीच बच्चों ने भी हैप्पीनेस क्लास की जमकर तारीफ की।
साथ ही उन्होंने कहा कि हैप्पीनेस क्लास को नर्सरी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए एक वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किया गया है,लेकिन सबसे महत्वपूर्ण रूप से इसका मकसद जीवन पर एक समग्र दृष्टिकोण और परिप्रेक्ष्य विकसित करना है।
हैप्पीनेस क्लास हमारे बच्चों को एक जिम्मेदार मनुष्य के रूम में विकसित करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हैप्पीनेस क्लास के पाठ्यक्रम में मेडिटेशन कराते हैं, इमोशनल स्टोरी होती है। साथ ही इमोशनल एक्टीविटीज कराते हैं, जिससे माता-पिता के प्रति इमोशंस पैदा हों।