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एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशकों के खिलाफ 19वां मुकदमा दर्ज

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गुरुग्राम के सेक्टर 65 में फ्लैट देने के नाम पर 16.70 लाख रुपये ठगी करने के मामले में एबीडब्लू इंफ्रास्क्ट्रचर रियल एस्टेट कंपनी के तीन निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज किया है। साकेत कोर्ट के निर्देश पर बीते 22 जून को मुकदमा दर्ज किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 09:31 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 06:26 AM (IST)
एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशकों के खिलाफ 19वां मुकदमा दर्ज
एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशकों के खिलाफ 19वां मुकदमा दर्ज

- गुरुग्राम सेक्टर 65 में फ्लैट देने के नाम पर 16.79 लाख रुपये ठगी का मामला

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-इससे पहले ठगी के 18 मामलों में भगोड़े घोषित हैं तीनों निदेशक जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एबीडब्ल्यू इंफ्रास्क्ट्रचर के तीन निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। तीनों गुरुग्राम के सेक्टर 65 में फ्लैट देने के नाम पर ठगी करने के आरोपित हैं। आर्थिक अपराध शाखा के एडिशनल पुलिस कमिश्नर, सुभाशीष चौधरी ने बताया कि 22 जून को साकेत कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में अतुल बंसल, सोना बंसल और रवि शंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तीनों कापसहेड़ा इलाके के रहने वाले हैं। पीड़ित अशोक कुमार मारवाह ने शिकायत में बताया कि आरोपितों की कंपनी ने गुरुग्राम के सेक्टर-65 में तीन साल में फ्लैट बनाकर देने का वादा किया था, जिसके लिए उनसे 16 लाख 70 हजार 318 रुपये लिए गए। लेकिन पांच साल में भी निर्माण पूरा नहीं हुआ और पैसे भी नहीं लौटाए गए। बिल्डर के खिलाफ यह 19वां मुकदमा है। इससे पहले पहले भी पीडि़त निवेशकों को पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न करने पर कोर्ट जाना पड़ा था। आरोपितों ने बड़ी संख्या में दिल्ली-एनसीआर के लोगों को फ्लैट व प्लॅाट के नाम पर ठगा है।

बिल्डर के वकील से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था थानेदार :

पिछले वर्ष निवेशकों की शिकायत पर साकेत कोर्ट ने साकेत थाने के थानाध्यक्ष के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। थानाध्यक्ष द्वारा कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक कार्रवाई नहीं करने पर उसके खिलाफ सीबीआइ में शिकायत दी गई। सीबीआइ ने थानाध्यक्ष को आरोपितों के वकील से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा था। इसके बाद बिल्डर के खिलाफ साकेत थाने में दर्ज सभी मुकदमों को आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया। जनवरी में कोर्ट ने तीनों निदेशकों को भगोड़ा घोषित कर दिया था।


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