कोर्ट रूम के बाहर दोनों पक्षों में मारपीट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सिख विरोधी दंगों के एक मामले में गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सिख विरोधी दंगों के एक मामले में गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सजा पर बहस के बाद कोर्ट रूम के बाहर दोनों पक्षों के लोग भिड़ गए। मारपीट व गाली गलौज भी की। न्यायायिक परिसर में इस तरह की घटना का उच्चाधिकारियों ने भी संज्ञान लिया है। बाद में सिरसा ने बताया कि दोषियों की ओर से आए लोग लगातार धमकियां दे रहे थे और इतिहास दोहराने की बात कह रहे थे। इसके बाद सब्र का बांध टूट गया। सिरसा की ओर से तिलक मार्ग थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हमला करने और धमकी देने की शिकायत भी दी गई है।
पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में सिख विरोधी दंगों के दौरान महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या के दोषियों की सजा पर बहस हो रही थी। बहस खत्म होने के बाद जब पुलिस दोषियों नरेश सहरावत और यशपाल को लेकर कोर्ट रूम से बाहर आई तो माहौल अचानक गरमा गया। पीड़ित पक्ष की तरफ से आए कुछ लोग और दूसरे पक्ष के लोग भिड़ गए। दोनों पक्षों में मारपीट होते देख पुलिस बीच-बचाव कर दोनों दोषियों को लेकर प्रथम तल से नीचे चली गई। मौके पर मौजूद एक पक्ष के कुछ लोगों ने हाथ जोड़कर कहा कि जो हो रहा है, गलत है। उनके लोगों को न मारा जाए। दोनों पक्ष काफी देर तक गाली-गलौज करते रहे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौके पर मौजूद थे।
इतने संवेदनशील मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था न होने से कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लग गया। दोनों दोषी बेहद सामान्य सुरक्षा में कोर्ट में लाए गए थे। उनके साथ सिर्फ तीन पुलिसकर्मी थे। दोनों पक्षों में झड़प की सूचना आला अधिकारियों तक पहुंचने पर कोर्ट परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। नीचे फिर हो गई किसी से भिड़ंत
कोर्ट रूम के बाहर हुए घटनाक्रम के बाद कुछ देर तक दोषियों को एक कमरे में रखा गया और पुलिस बल का इंतजार किया गया। जब पर्याप्त पुलिसकर्मी आ गए तो दोषियों को जेल ले जाने के लिए बाहर लाया गया। इस समय भी एक व्यक्ति दोषियों से भिड़ गया। इससे पहले कि माहौल गरमाता पुलिस ने उसे खदेड़ दिया।