ईको फ्रेंडली होगा यह एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-यूपी समेत देशभर के लाखों लोगों को मिलेगा लाभ
delhi meerut Expressway यूपी गेट से मेरठ तक करीब 2000 पौधे रोपने का काम शुरू हो चुका है। यूपी गेट से मेरठ तक आधा दर्जन पुलों पर वर्टिकल गार्डनिंग की जाएगी।
नई दिल्ली/गाजियाबाद [सौरभ पांडेय]। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे (delhi meerut Expressway) के निर्माण के साथ ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highways Authority of India) ने इसे ईको फ्रेंडली (eco friendly) बनाने की भी तैयारी कर ली है। यूपी गेट से मेरठ तक करीब 2000 पौधे रोपने का काम शुरू हो चुका है। अगले चरण में एनएचएआइ ने एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर पुलों पर वर्टिकल गार्डनिंग करने की योजना तैयार की है। यूपी गेट से मेरठ तक आधा दर्जन पुलों पर वर्टिकल गार्डनिंग की जाएगी।
एनएचएआइ ने सराय काले खां से यूपी गेट तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के पहले चरण का निर्माण पूरा कर लिया है। दूसरे और तीसरे चरण का काम यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ के बीच जारी है। प्रयोग के तौर पर दिल्ली में यमुना पुल के दोनों और वर्टिकल गार्डनिंग की गई है। इससे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण किया जा रहा है बल्कि यह देखने में भी बेहद आकर्षक लगता है।
यूपी गेट से मेरठ तक आधा दर्जन पुलों पर होगी तैयारी
यूपी गेट से मेरठ के बीच आधा दर्जन पुल हैं जिनपर वर्टिकल गार्डनिंग की जाएंगी। यूपी गेट से आगे हिंडन नहर पर बन रहा पुल, विजयनगर पर हरनंदी पर निर्माणाधीन पुल और चार अन्य पुल-पुलियाओं पर वर्टिकल गार्डनिंग कर इन्हें हरा भरा बनाया जाएगा। पौधों को पानी के लिए गार्डन के बीच से ही एक पाइपलाइन डाली जाएगी। पुल के पास ही एक मोटर लगाकर नहर अथवा नदी के पानी से इसकी सिंचाई की जाएगी।
दो हजार पौधे लगाने का अभियान है जारी
एनएचएआइ ने पहले ही दो हजार पौधे लगाने का अभियान शुरू कर दिया है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर आरपी सिंह ने बताया कि एक्सप्रेस वे के दोनों ओर हरियाली बढ़ाने के लिए एनएचएआइ ने अभियान शुरू किया है। एक्सप्रेस वे को पूरी तरह से ईको फ्रेंडली बनाने के लिए एनएचएआइ भरपूर प्रयास कर रहा है। इससे न सिर्फ लोगों को ताजी हवा मिल सकेगी बल्कि एक्सप्रेस वे की सुंदरता भी बढ़ेगी।
क्या है वर्टिकल गार्डनिंग
वर्टिकल गार्डनिंग ऐसी हरियाली होती है जो दीवार के साथ-साथ नीचे से ऊपर की ओर की जाती है। किसी भी पुल के किनारे लोहे की जाली लगाकर उस पर स्टैंड बनाकर प्लॉस्टिक के गमले लगाए जाते हैं। इन गमलों में पौधे व बेल लगाई जाती हैं। इससे पुल के दोनों तरफ हरियाली रहती है।
गौरतलब है कि यह एक्सप्रेस-वे बन जाने से सिर्फ 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ को दूरी तय होगी। हालांकि, लोगों को अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा। जानकारी के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने में अभी करीब एक साल का समय लगेगा
यह भी बता दें कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने मई, 2018 में किया था। पीएम मोदी ने निजामुद्दीन से यूपी गेट तक गाड़ी के जरिए रोड शो भी किया था। उम्मीद ये थी कि जल्द ही 82 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाएगा और दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी 45 मिनट में सिमट जाएगी।
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