UP पुलिस की हिरासत से 20 विदेशी नागरिक हुए थे फरार, सामने आ रहीं चौंकाने वाली बातें
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में पिछले दिनों 20 विदेशी नागरिकों के पुलिस हिरासत से फरार होने का मामला शासन तक पहुंचने के बाद एसएसपी ने प्रेसवार्ता कर इस बारे में स्थिति स्पष्ट की।
नोएडा, जेएनएन। पुलिस लाइन में पुलिस सुरक्षा को धता बताकर 20 विदेशी नागरिक फरार हुए थे। सभी नागरिक हाल में लगी खिड़की की ग्रिल तोड़कर फरार हुए थे। रात में पुलिस फरार विदेशियों की सही जानकारी देने में आनाकानी करती रही। मामला शासन तक पहुंचने के बाद एसएसपी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर फरार विदेशी नागरिकों के बारे में स्थिति स्पष्ट की। इसमें से तीन विदेशी नागरिकों को पुलिस ने दोबारा से हिरासत में ले लिया था। अन्य को पकड़ने के लिए पुलिस ने तीन टीमों का गठन किया है। सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर आलाधिकारी अभी मेहरबान हैं।
दावा किया जा रहा रहा है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रेसवार्ता में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि ऑपरेशन-10 के तहत बुधवार को तीन सोसायटी व एक सेक्टर में अभियान चलाकर 60 विदेशियों को हिरासत में लिया गया था। सभी लोग बिना वीजा व पासपोर्ट के रह रहे थे। पकड़ी गई एक विदेशी महिला के पास से गांजा व विदेशी शराब भी बरामद हुई थी। उसे तत्काल जेल भेज दिया गया था। आरोपितों को पुलिस लाइन अस्पताल के हाल में रखा गया था।
हिरासत में लिए गए आरोपितों में महिला व पुरुष को अलग-अलग रखा गया था। बृहस्पतिवार को 12 विदेशी नागरिकों ने अपने कागज दिखा दिए थे। इनमें से दो आरोपी लगभग दो वर्ष पूर्व हुए मनीष खारी की हत्या के मामले में नामजद किए गए थे। उनके वीजा-पासपोर्ट जमा कर लिए गए थे। सभी 12 को छोड़ दिया गया। शेष 47 आरोपियों में से 20 पुरुष विदेशी आरोपी पुलिस लाइन अस्पताल के हाल के पीछे स्थित खिड़की की लोहे की ग्रिल तोड़कर भाग गए। इसकी जानकारी होने पर पुलिस महकमे में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस छिपाती रही घटना व संख्या
आरोपितों के भागने के बाद पुलिस के आलाधिकारी घटना व भागने वाले नागरिकों की संख्या छिपाने में लगाने रहे। अधिकारी गुपचुप तरीके से प्रयास करते रहे कि सभी को पकड़ लिया जाएगा। लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। जिसके बाद मामला आलाधिकारी तक पहुंच गया। घटना के बाद बढ़ाई सुरक्षा विदेशी नागरिकों के फरार होने के बाद पुलिस के साथ ही एलआइयू के टीम भी सक्रिय हो गई। एलआइयू के कर्मचारी दिनभर पुलिस लाइन में डटे रहे। जिस स्थान पर विदेशी नागरिकों को रखा गया है, वहां पर पुलिस सुरक्षा भी बढ़ा दी गई। सुरक्षा में मौजूद पुलिसकर्मियों से विदेशी नागरिक अपना गुस्सा उतारते रहे। जिस हाल में उन्हें रखा गया है वहां उनके चिल्लाने की आवाजें आती रहीं। हिरासत में मिली फोन की सुविधा किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने के बाद पुलिस उसके पास मौजूद सभी सामान को जब्त कर लेती है। लेकिन विदेशी नागरिकों के साथ पुलिस ने ऐसा नहीं किया। विदेशी नागरिकों से फोन तक नहीं लिया गया। हिरासत में लिए गए विदेशी नागरिक फोन पर अपनों से बात करते रहे और गाना सुनते रहे। साथियों से की गई पूछताछ हिरासत से जो विदेशी नागरिक भागे हैं पुलिस ने उनकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी। जो विदेशी अभी पुलिस हिरासत में है उनसे भागने वाले विदेशियों के बार में पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस को कुछ विदेशियों के बारे में जानकारी मिली है। उन्हें पकड़ने के लिए टीम रवाना हो गई है।
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