जिस कोमल को 48 घंटे तक नहर में तलाशती रही पुलिस, वह तो बन गई कामाक्षी
कोमल के पास से पुलिस को एक आधार कार्ड मिला है। इस आधार कार्ड में कोमल की ही तस्वीर लगी है लेकिन नाम कामाक्षी है।
नई दिल्ली/गाजियाबाद, जेएनएन। सुसाइड नोट छोड़कर दिल्ली से रवाना हुई जिस लड़की कोमल को हिंडन नदी में दो दिन तक तलाशती रही वह 2000 से ज्यादा किलोमीटर दूर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कामाक्षी बन गई थी। उसका इरादा अपनी पहचान छिपाकर बाकी जीवन कामाक्षी के रूप में ही बिताने का था। इसके लिए उसने तैयारी के तहत आधार कार्ड में भी अपना नाम कोमल से कामाक्षी करवा लिया था।
पति को छोड़कर आश्रम में पूरा जीवन बिताना चाहती थी कोमल
कोमल से हुई पूछताछ के बाद इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार सिंह ने बताया कि कोमल ने ससुर और ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज के लिए उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। साथ ही अभिषेक के कई युवतियों से संबंध होने के आरोप लगाए। इससे परेशान होकर कोमल ने कोयंबटूर के एक आश्रम में अपना जीवन बिताने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने आधार कार्ड में अपना नाम कामाक्षी करवा लिया था।
आधार कार्ड में नाम फेक या असली? हो रही जांच
बता दें कि 5 जुलाई से ही लापता बीमा मैनेजर कोमल को गाजियाबाद पुलिस ने 8 जुलाई की रात बेंगलुरु से बरामद कर लिया। इस दौरान कोमल के पास से पुलिस को एक आधार कार्ड मिला है। इस आधार कार्ड में कोमल की ही तस्वीर लगी है, लेकिन नाम कामाक्षी है। पुलिस के मुताबिक, कोमल ने घर छोड़ने के दौरान हीअपनी पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड में अपना नाम बदलवा दिया था। वहीं, आधार कार्ड फर्जी है या ऑनलाइन उसमें नाम बदला गया है, इसकी जांच की जा रही है।
जांच के दौरान यह बात की पता चली है कि पति की हरकतों के साथ उसके गैर महिलाओं से संबंध को लेकर कोमल ने अपने मायके में परिजनों से बात की थी, लेकिन परिजनों ने उसे ही समझाकर शांत कर दिया। शायद इसी से हताश होकर ब्रह्मकुमारी आश्रम जाकर जीवन व्यतीत करने की योजना बनाई थी।
5 जुलाई को संदिग्ध हालात में लापता हुई थी कोमल
दिल्ली के पांडव नगर में रहने वाले अभिषेक सिंह की पत्नी कोमल तालान (29) दिल्ली की एक निजी इंश्योरेंस कंपनी में ट्रेनिंग मैनेजर के पद पर है। परिजनों की मानें तो वह शुक्रवार को ऑफिस नहीं पहुंची तो परिजनों ने बाराखंभा रोड थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। इसके बाद तलाशी के दौरान 6 जुलाई को सुबह 11 बजे कोमल की कार लावारिस हालत में हिंडन बैराज के पास सड़क पर खड़ी मिली थी। कार में कोमल का बैग और एक सुसाइड नोट भी मिला था। इस सुसाइड नोट में कोमल ने अपने ससुराल वालों पर परेशान किए जाने की बात लिखी थी। इससे पुलिस ने अंदाजा लगाया था कि हो सकता है कि हिंडन में कूदकर उसने आत्महत्या कर ली हो।
वहीं, कोमल के पिता अनिल का आरोप है कि अभिषेक का आचरण ठीक नहीं था, वह नौकरी भी नहीं करता था। कोमल के वेतन से ही अपना खर्च चलाता था। पिता अनिल ने बेटी को ससुराल नहीं भेजने की भी बात कही है।
वहीं, बीमा कंपनी में ट्रेनिंग मैनेजर कोमल तालान के पति अभिषेक को दहेज उत्पीड़न के मामले में इंदिरापुरम पुलिस ने गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया। अभिषेक को 17 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है। 17 जुलाई को सुनवाई के दौरान उनकी जमानत पर बहस होगी। अभिषेक ने कोमल द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। उनका कहना है कि उन्हें न्याय में विश्वास है। उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।
दिल्ली के पांडव नंगर से पांच जुलाई की सुबह कोमल दफ्तर के लिए निकलीं। वह देर रात तक घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने दिल्ली के थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। छह जुलाई की सुबह कोमल की कार इंदिरापुरम थानाक्षेत्र में हिंडन नहर रोड पर मिली। कार में दो पेज का नोट मिला, जिसमें कोमल ने लिखा था कि वह ससुराल वालों और पति से परेशान होकर सबकुछ छोड़कर जा रही हैं। हिंडन में कूदने की आशंका पर दो दिन तक तलाशी गई लेकिन कोमल का पता नहीं चला। मामले में कोमल के पिता अनिल तालान ने इंदिरापुरम थाने में अभिषेक समेत पांच लोगों पर दहेज उत्पीड़न और हत्या के लिए कोमल को गायब करने के आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। बाद में मोबाइल लोकेशन के आधार पर सोमवार रात कोमल को इंदिरापुरम पुलिस ने बेंगलुरु से बरामद किया था।
पुलिस ने दर्ज किया बयान
इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार सिंह ने बताया कि बरामदगी के बाद मंगलवार रात कोमल के बयान दर्ज किए गए। कोमल ने ससुर और ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज के लिए उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। साथ ही अभिषेक के कई युवतियों से संबंध होने के आरोप लगाए। इससे परेशान होकर कोमल ने कोयंबटूर के एक आश्रम में अपना जीवन बिताने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने आधार कार्ड में अपना नाम कामाक्षी करवा लिया था।
नियमित जमानत के लिए डालेंगे अर्जी
इंदिरापुरम पुलिस ने बुधवार को कोमल के पति अभिषेक को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया। अभिषेक के अधिवक्ता मनोज नागवंशी की जमानत अर्जी पर अभिषेक को 17 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की गई है।
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