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केंद्रीय मंत्री को ब्लैकमेल करने के मामले में देश के नामी लेखक की नातिन अरेस्ट

दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्धनगर से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने के मामले में समाज सेविका उषा ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 10:14 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री को ब्लैकमेल करने के मामले में देश के नामी लेखक की नातिन अरेस्ट
केंद्रीय मंत्री को ब्लैकमेल करने के मामले में देश के नामी लेखक की नातिन अरेस्ट

नोएडा, जेएनएन। चुनाव प्रचार से संबंधित बातचीत का स्टिंग कर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने की कोशिश के मामले में छानबीन के बाद पुलिस ने शुक्रवार को समाजसेविका उषा ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में मुख्य आरोपित प्रतिनिधि चैनल का मालिक आलोक कुमार, ऊषा ठाकुर के साथ ही पहली बार केंद्रीय मंत्री से मिला था। उसी दौरान बातचीत का स्टिंग आलोक ने किया था। 22 मई को जब सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल से इस मामले में नीशू नाम की युवती की पहली गिरफ्तारी हुई थी, उस दौरान भी उषा ठाकुर कैलाश अस्पताल में ही मौजूद थीं। पुलिस ने उन्हें वहां से हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद देर रात छोड़ दिया था। छानबीन कर कुछ दिन बाद पुलिस मुख्य आरोपित आलोक कुमार व निशा को कोलकाता से गिरफ्तार कर तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड लेकर नोएडा लाई थी। इसके बाद आलोक व निशा को कोर्ट के आदेश पर चार दिनों तक पुलिस रिमांड पर लेकर पुलिस टीम ने पूछताछ की तो समाजसेविका उषा ठाकुर की भूमिका भी सामने आई। इसके बाद कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर शुक्रवार सुबह उषा ठाकुर को उनके सेक्टर 31 स्थित घर से गिरफ्तार किया है। उषा ठाकुर देश के नामी साहित्यकार रामधारी सिंह दिनकर की नातिन हैं, जिसकी वजह से नोएडा में उनका काफी सम्मान था। इसके अलावा वह जानी मानी समाज सेविका भी हैं।  रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974) हिंदी के एक प्रमुख लेखक थे। राष्ट्र कवि दिनकर आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रांत के बेगूसराय जिले का सिमरिया घाट कवि दिनकर की जन्मस्थली है।

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निठारी कांड के दौरान चर्चा में आई थी समाजसेविका
समाजसेविका उषा ठाकुर निठारी कांड के दौरान चर्चा में आई थी। उन्होंने निठारी से बच्चों के गायब होने का मुद्दा उठाया था। 22 अप्रैल को हुई पहली गिरफ्तारी के दौरान उषा ठाकुर की भूमिका संदेह के घेरे में आई थी। उस दौरान एसएसपी वैभव कृष्ण ने जांच की बात कही थी। मालूम हो कि इस मामले में एक सेवानिवृत्त डीएसपी की भूमिका भी संदेह के घेरे में आई थी। एसएसपी वैभव कृष्ण ने कहा कि अभी जांच चल रही है।

प्रतिनिधि चैनल का मालिक कर रहा था ब्लैकमेल करने की कोशिश
बंद हो चुके प्रतिनिधि चैनल का मालिक आलोक कुमार चुनाव प्रचार सामग्री से संबंधित बातचीत का स्टिंग कर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था। 22 अप्रैल को आलोक के कहने पर ही उसकी सहयोगी पूर्व पत्रकार नीशू कैलाश अस्पताल पत्र लेकर पहुंची थी। उस समय केंद्रीय मंत्री ने एसएसपी को जानकारी दे दी थी। नीशू की वहां से गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में अभी एक अन्य आरोपित खालिद की पुलिस तलाश कर रही है।

वैभव कृष्ण (एसएसपी) के मुताबिक, स्टिंग ऑपरेशन मामले में साजिशकर्ता के रूप में उषा ठाकुर की गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने टेक्सटाइल कंपनी के सीईओ के रूप में आलोक का परिचय केंद्रीय मंत्री से कराया था, जबकि उन्हें पता था कि यह कोई सीईओ नहीं है। उन्हें पता था कि आलोक की आर्थिक स्थिति खराब है, जो पहले दिन टैब बरामद हुआ था वह इनके घर से नीशू ने उठाया था और वह लेकर वहां पहुंची थी।

महेश शर्मा के मुताबिक, मैं उषा ठाकुर को बड़ी बहन मानता हूं। मैंने उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की थी। पुलिस जांच में क्या बात सामने आई है, अथवा आलोक कुमार और उनके बीच क्या बातचीत हुई है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मैं उषा ठाकुर का सम्मान करता हूं।

चैनल बंद होने के बाद कई से ली थी लाखों आर्थिक मदद
पुलिस के मुताबिक, नोटबंदी के बाद आर्थिक तंगी के चलते आलोक को अपना प्रतिनिधि चैनल बंद करना पड़ा था। इसके बाद उसने शहर के कई लोगों से लाखों रुपये आर्थिक मदद के तौर पर लिए थे, जो अभी तक नहीं लौटाए हैं। इसके बाद उसने स्टिंग कर नेताओं व प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल करने की योजना बनाई। वह सभी टीमों को अलग-अलग काम देता था। इन टीमों में शामिल लोग एक-दूसरे के कार्य के बारे में नहीं जानते थे।

हर स्टिंग में नया मोबाइल व टैबलेट का करता था इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि वह हर स्टिंग में नया मोबाइल व नया टैबलेट का इस्तेमाल करता था। गिरफ्तार की गई पूर्व पत्रकार नीशू से बरामद टैबलेट व मोबाइल में सिर्फ 4 मोबाइल नंबर मिले हैं। इसमें से दो नंबर आलोक के ही हैं, जबकि एक नंबर नीशू का है। चौथा नंबर भी एक अन्य युवती का है। टैबलेट में सिर्फ स्टिंग का एक वीडियो है। वह टीम में शामिल लोगों के पास कोई सबूत नहीं छोड़ता है।

पत्राचार से बीकॉम कर रही है नीशू
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित नीशू ने बताया कि वह दिल्ली के एक कॉलेज से पत्राचार के जरिए बीकॉम कर रही है। यह उसका दूसरा वर्ष है। उसकी मां नरेला, दिल्ली में एक दुकान चला कर परिवार का खर्च निकालती है, जबकि उसका इकलौता भाई अपनी मां के साथ रह कर सीए की तैयारी कर रहा है।

यह है मामला
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने एसएसपी वैभव कृष्ण को कॉल कर ब्लैकमेल करने की कोशिश की शिकायत की थी। इसी के बाद एसएसपी पुलिस बल के साथ सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल पहुंचे और पूर्व पत्रकार नीशू को गिरफ्तार कर लिया था। जांच में पर्दाफाश हुआ था कि बंद हो चुके प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक कुमार इसका मास्टर माइंड है। उसने 24 मार्च को केंद्रीय मंत्री से बात कर एक वीडियो बना लिया था। उसी वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल कर उनसे दो करोड़ की मांग कर रहा था।

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