फर्जीवाड़ा रोकने के लिए DU की योजना, ऑनलाइन होगी दस्तावेजों की जांच
फर्जी मार्कशीट या अन्य दस्तावेज देने वाले छात्रों पर शिकंजा कसते हुए DU ने दस्तावेजों के ऑनलाइन जांच की योजना बनाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले के समय होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए इस बार ऑनलाइन दस्तावेजों की जांच की योजना बनाई गई है। ताकि, फर्जी मार्कशीट या अन्य दस्तावेज देने वाले छात्रों को दबोचा जा सके। खास बात यह है कि इसके लिए डीयू ने सीबीएसई बोर्ड का डाटा इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिए जाने के बाद डीयू के अधिकारी इस संबंध में सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों से बात कर रहे हैं।
डीयू में स्नातक, पीजी, एमफिल और पीएचडी कोर्सो में दाखिला प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसे लेकर हाल ही में स्टैंडिंग कमेटी की एक बैठक हुई थी। इसमें आवेदकों की 12वीं की मार्कशीट चेक किए जाने को लेकर योजना बनाई गई। कमेटी के सदस्यों ने कहा कि पिछले दो साल के आंकड़े देखे जाएं तो दाखिला लेने वाले 80 फीसद बच्चे सीबीएसई बोर्ड के होते हैं। ऐसे में सीबीएसई के डाटा से मार्कशीट का मिलान किए जाने का निर्णय लिया गया। इससे यदि कोई छात्र फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला लेने का प्रयास करेगा तो उसे पकड़ा जा सकेगा। वहीं सीबीएसई के अलावा करीब 20 फीसद छात्र अन्य बोर्ड के होते हैं। इन छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन भी ऑनलाइन किया जाएगा। अभी तक रामजस कॉलेज और श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में मौजूद फॉरेंसिक टीम दस्तावेजों का सत्यापन करती है।
सॉफ्टवेयर कराया जा रहा तैयार
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रो रसाल सिंह ने बताया कि आवेदकों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सीबीएसई के डाटा का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। इसमें छात्रों की मार्कशीट और अंकों की जांच ऑटोमैटिक हो जाएगी। फर्जी दाखिले रोकने के लिए यह कदम काफी निर्णायक रहेगा।
पिछले वर्ष पकड़े गए थे फर्जी दाखिले
पिछले वर्ष एबीवीपी के छात्र नेता अंकिव बैसोया के एमए बुद्धिस्ट स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला लेने पर स्नातक पाठ्यक्रम की फर्जी डिग्री सामने आई थी। वहीं अक्टूबर 2018 में रामानुजन कॉलेज में पांच छात्र और पीजीडीएवी कॉलेज में पांच छात्रों के 12वीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर दाखिला लेने का मामला सामने आया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) शैक्षणिक सत्र 2019-20 में खेल कोटे में दाखिला के लिए स्टैंडिंग कमेटी ने फैसला किया है कि खेल कोटे में सिर्फ ओलंपिक, कॉमनवेल्थ या एशियाई खेलों में जो शामिल हैं उसी कोटे में दाखिला दिया जाए। अब इसके विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) अध्यक्ष शक्ति सिंह ने डीयू के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि जिन खेलों को बाहर किया गया है, उसे फिर से खेल कोटे में शामिल किया जाए।
खेल कोटे को डूसू अध्यक्ष ने कुलपति को लिखा पत्र
दाखिला समिति के अध्यक्ष, प्रो राजीव गुप्ता ने बताया कि सीबीएसई से इस बारे में हम लगातार बातचीत कर रहे हैं। छात्रों की मार्कशीट के सत्यापन के लिए यह नीति काफी फायदेमंद रहेगी। इससे दस्तावेजों को जांचने में भी सहायता मिलेगी। वहीं फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ा जा सकेगा।
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