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2018 बैच के आइएएस-आइपीएस कैडर आवंटन मामला की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

2018 बैच के आइएएस और आइपीएस अधिकारियों का कैडर आवंटन रद करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 मई को सुनवाई करेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 01:59 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 08:40 PM (IST)
2018 बैच के आइएएस-आइपीएस कैडर आवंटन मामला की  सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
2018 बैच के आइएएस-आइपीएस कैडर आवंटन मामला की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली, प्रेट्र। 2018 बैच के आइएएस और आइपीएस अधिकारियों का कैडर आवंटन रद करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 मई को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष यह मामला तुरंत सुनवाई के लिए आया था।

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि हाई कोर्ट ने सरकार को कैडर आवंटन की पूरी कवायद फिर से करने को कहा है। मेहता ने अदालत को बताया कि 2018 बैच में कैडर के तहत चयनित अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और 10 मई से उन्हें अपने-अपने कैडर में ड्यूटी ज्वाइन करनी थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने नई नीति के तहत 2018 बैच के आइएएस और आइपीएस अधिकारियों का कैडर आवंटन रद करते हुए नए सिरे से कैडर आवंटित करने का आदेश दे दिया। हाई कोर्ट ने इस तरफ भी ध्यान दिलाया था कि कैडर के दोबारा आवंटन में अधिकारियों को बहुत अधिक समय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है। इसके लिए अधिकारियों के पास पहले से ही अपेक्षित डाटा होता है।

क्या है मामला

सिविल सेवा परीक्षा-2017 के परिणामों के आधार पर केंद्र सरकार ने कैडर आवंटन नीति-2017 के तहत आइपीएस उम्मीदवारों को कैडर आवंटित करने की अधिसूचना जारी की थी। इसको चुनौती देते हुए चार याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाओं में दावा किया गया था कि नई कैडर आवंटन नीति-2017 की अधिकारियों द्वारा जो व्याख्या की गई है वह अनुचित और अन्यायपूर्ण है। यही नहीं यह समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है और परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी उम्मीदवारों को उनके आवंटन से वंचित करता है, जिसके लिए उन्होंने प्राथमिकता दी थी। नई कैडर आवंटन नीति-2017 के तहत राज्यों और संयुक्त कैडरों को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया था।

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