विदेशी राजनयिकों को भाया ईवीएम से मतदान
लोकसभा चुनाव में जहां कई राजनेता कई दिन से जुटे हैं वहीं राजधानी में रह रहे विदेशी राजनयिकों की नजर भी चुनावी प्रक्रिया पर रही। रविवार को राजनयिकों ने कई पोलिग बूथ का दौरा भी किया। ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर अक्सर राजनैतिक पार्टियां सवाल उठाती रही हैं।
सुशील गंभीर, नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में जहां कई राजनेता कई दिन से जुटे हैं, वहीं राजधानी में रह रहे विदेशी राजनयिकों की नजर भी चुनावी प्रक्रिया पर रही। रविवार को राजनयिकों ने कई पोलिग बूथ का दौरा भी किया। ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर अक्सर राजनैतिक पार्टियां सवाल उठाती रही हैं। वहीं विदेशी राजनयिकों को हमारे देश में वोटिग ईवीएम से होना खूब भाया। ऑस्ट्रेलियन हाई कमिश्नर हरिदर सिद्धू को तो चुनावी प्रक्रिया में जुटे अधिकारियों और ईवीएम ने काफी हद तक प्रभावित किया। सिद्धू ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में वोटिग बैलेट पेपर से होती है, लेकिन यहां पर डिजिटल वोटिग देखकर सुखद अनुभव हुआ।
मौजूदा चुनावी माहौल में चुनाव आयोग और ईवीएम पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में विदेशी अधिकारियों द्वारा इस प्रक्रिया की सराहना करना और अपने देश से यहां की व्यवस्था को बेहतर बताना आयोग के लिए सुखद अहसास जैसा है। ऑस्ट्रेलियन हाई कमिश्नर हरिदर सिद्धू भूटान की राजदूत भी हैं। रविवार को उन्होंने अन्य देशों के अधिकारियों के कई पोलिग बूथ पर दौरा किया और ईवीएम से वोटिग को करीब से समझा। नई दिल्ली लोकसभा सीट के गोल मार्केट में बने बूथ पर सिद्धू ने अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में बैलेट पेपर से वोटिग होती है और मुझे लगता है कि बैलेटे से वोटिग का हमेशा कुछ जोखिम रहता है। ऑस्ट्रेलिया में ईवीएम नहीं है और मैं भारत में ईवीएम से काफी प्रभावित हुई हूं। सिद्धू ने वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर आडिट ट्रेल) की भी जमकर तारीफ की और इसे बेहतरीन यंत्र बताया। गोल मार्केट के पोलिग बूथ पर दक्षिण कोरिया के राजदूत शिन बेंग भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे भारत में चुनाव की प्रक्रिया को समझ रहे हैं और अभी तक का उनका अनुभव अच्छा रहा है।
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चुनाव देखने आए 70 से ज्यादा मेहमान
चुनाव आयोग द्वारा देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया को देखने समझने के लिए 20 से अधिक देशों से मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। जिनमें 70 से अधिक विदेशी मेहमान शामिल थे। ये अजमेरी गेट स्थित एंग्लो अरेबिक स्कूल के मतदान केंद्र समेत दिल्ली के अन्य मतदाता केंद्रों पर भी गए। इनके साथ चुनाव आयोग के अधिकारी भी थे, जो उन्हें चुनाव प्रक्रिया के बारे में बता रहे थे। विदेशी मेहमानों में चुनाव को देखने-समझने को लेकर उत्सुकता देखने को मिली।
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