कैसे पिता की 'मौत' की वजह बनी एक बेटी, पढ़िए- जज की सन्न कर देने वाली टिप्पणी
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के विजयनगर इलाके में पिता की मौत में सगी बेटी को दोषी करार देते हुए दिल्ली की कोर्ट ने साढ़े चार साल की सजा सुनाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर पश्चिम दिल्ली के विजयनगर इलाके में पिता की मौत में सगी बेटी को दोषी करार देते हुए दिल्ली की कोर्ट ने साढ़े चार साल की सजा सुनाई है। इस दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि युवती ने गुस्से में अपने ही सृजनकर्ता को खत्म कर दिया। पूरी घटना फरवरी, 2015 की है। कोर्ट ने सोमवार को युवती को अपने पिता की धक्का देने का दोषी ठहराते हुए यह सजा दी है। इसी के साथ एडिशनल सेशन जज संजीव अग्रवाल ने दोषी बेटी जया पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2015 में जया ने बहस के दौरान गुस्से में अपने 68 वर्षीय पिता सतीश चावला को सीढ़ियों से धक्का दे दिया था। इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां दो दिन इलाज चला, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी कारण से अपने पिता की हत्या करने से ज्यादा अपवित्र और अयोग्य कुछ नहीं हो सकता है। कोर्ट ने पवित्र ग्रंथ भगवद् गीता के एक श्लोक का जिक्र करते हुए कहा 'उनके लिए दिमाग शत्रु की तरह व्यवहार करता है, जो इस पर नियंत्रण नहीं रख सकते है।'
जानकारी के मुताबिक, बेटी जया (25) अपने पिता के साथ उत्तर-पश्चिम दिल्ली के विजय नगर इलाके में सेकेंड फ्लोर पर बने घर में रहती थी। इस घर में पिता के अलावा, जया की दो बहनें और एक भाई भी था। उसकी बड़ी बहनों के मुताबिक, जया गुस्सैल स्वभाव की थी और जल्द ही अपना खो देती थी। इस दौरान वह अपने भाई-बहनों यहां तक कि अपने पिता की भी पिटाई कर देती थी। 14 फरवरी, 2015 को भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब जया ने पिता सतीश चावला से बहस की और उन्हें पीटा भी, जिससे उनका चश्मा तक टूट गया।
इससे पिता सतीष इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने घर छोड़कर आश्रम में रहने का फैसला लिया। इसके बाद उन्होंने सामान बांधा और सेकेंड फ्लोर से नीचे उतरने लगे। घटनाक्रम के मुताबिक, इस बीच बेटी जया ने पिता सतीष को सीढ़ियों से नीचे धक्का दे दिया। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। इसके बाद भाई निखिल की शिकायत पर मुखर्जी नगर पुलिस ने जया के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जया ने जानबूझकर अपने पिता धक्का दिया था, जो उनकी मौत की वजह बनी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह कृत्य माफी के लायक नहीं है। जब सजा सुनाई गई तो जया की गोद में पांच महीने का बच्चा भी था।
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