War Memorial : पीएम ने कहा- राफेल विमान भारत न आ पाए इसके लिए हो रही साजिश
हमारे प्रयासों में दुनिया के बड़े-बड़े देश हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। यही कारण है कि 2016 में हमारे इंटरनैशनल फ्लीट रिव्यू में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था।
नई दिल्ली , जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेशलन वार मेमोरियल (National War Memorial) का उद्घाटन किया। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा देश पर संकट चाहे दुश्मन के कारण आया हो या प्रकृति के कारण आया हो, हमारे सैनिकों ने सबसे पहले हर मुश्किल को अपने सीने पर लिया है। हमारे देश की सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है।
2014 में इस स्मारक का कार्य शुरू किया
उन्होंने कहा कि कई दशकों से निरंतर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मांग हो रही थी, कुछ प्रयास हुए लेकिन कोई ठोस कार्य नहीं हुआ, आपके आशीर्वाद से हमने 2014 में इस स्मारक का कार्य शुरू किया और इस कार्य को तय समय पर पूरा किया। इस ऐतिहासिक स्थान पर मैं पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों, भारत की रक्षा में सर्वस्व न्योछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं। मैं राष्ट्र रक्षा के सभी मोर्चों पर, मुश्किल परिस्थितियों में डटे हर वीर-वीरांगना को भी नमन करता हूं।
सात दशक के बाद बना स्मारक
पीएम मोदी ने कहा आज मुझे बहुत संतोष है कि थोड़ी देर बाद आपका और देश का, दशकों लंबा इतंज़ार खत्म होने वाला है। आज़ादी के सात दशक बाद मां भारती के लिए बलिदान देने वालों की याद में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक, उन्हें समर्पित किया जाने वाला है।
बनेंगे तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
बहुत लंबे समय से आपकी मांग थी कि आपके लिए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाए। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे आपको ये बताने का सौभाग्य मिला है कि एक नहीं बल्कि हम ऐसे तीन सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल बनाने जा रहे हैं। वन रैंक वन पेंशन के लिए पिछली सरकारों में पूर्व सैनिकों को कितना संघर्ष करना पड़ा, आंदोलन करना पड़ा, इसका देश साक्षी रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि नया हिंदुस्तान, नया भारत, आज नई नीति और नई रीति के साथ आगे बढ़ रहा है। मजबूती के साथ विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है। उसमें एक बड़ा योगदान आपके शौर्य, अनुशासन और सर्मपण है।
इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा हमारे प्रयासों में दुनिया के बड़े-बड़े देश हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। यही कारण है कि 2016 में हमारे इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था। यही कारण है कि एक के बाद एक देश हमारे साथ रक्षा सहयोग के समझौते करना चाहते हैं। देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। जिन फैसलों को नामुमकिन समझा जाता था, उन्हें मुमकिन बना रहे हैं।
रक्षा उत्पादन के बदलाव की शुरुआत हुई
हमने रक्षा उत्पादन के पूरे इको सिस्टम में बदलाव की शुरुआत की है। लाइसेंसिंग से निर्यात प्रक्रिया तक, हम पूरे तंत्र में पारदर्शिता ला रहे हैं। देश की सेना का मनोबल, देश की सुरक्षा तय करता है, इसलिए हमारे सभी प्रयासों में हमारी सोच और हमारे अप्रोच का केंद्रबिंदु हैं हमारे सैनिक, हमारे फौजी भाई।
पांच साल से नहीं मिली बुलेट प्रूफ जैकेट
उन्होंने कहा कि सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था। शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उन्हें भुलाना ही उन्हें आसान लगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया गया इसका अंदाजा इस बात से लगाईए कि साल 2009 में सेना ने 1 लाख, 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। 2009 से लेकर 2014 तक पांच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। यह हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है।
महिलाओं को भी फाइटर पायलट बनने का मिल रहा मौका
देश की सुरक्षा के लिए समाज के हर वर्ग से लोग आगे आएं यह जरूरी है। इस विचार के साथ पहली बार महिलाओं को भी फाइटर पायलट बनने का मौका मिल रहा है। अपने पुरुष फौजी साथियों की तरह अब महिलाओं को भी सेना में स्थाई सर्विस कमीशन मिलने लगा है।
मिशन मोड पर हुई गोला बारूद की खरीदी
उन्होंने कहा कि सेना के लिए अत्याधुनिक राइफलों को खरीदने और भारत में बनाने का काम भी हमारी सरकार ने ही शुरू किया है। हाल ही में सरकार ने 72 हजार आधुनिक राइफल की खरीद का ऑर्डर दिया है। साथ ही हमारी सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपए का एम्यूनिशन यानि गोला-बारूद और गोलियां मिशन मोड में खरीदी है।
बोफोर्स से हेलीकॉप्टर तक की जांच एक ही परिवार तक
पीएम मोदी ने बोफोर्स का मामला उठाते हुए कहा कि बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी साजिशों को ध्वस्त कर देगा।
इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट को लेकर किया कटाक्ष
पीएम मोदी ने कहा आज देश का हर फौजी, हर नागरिक ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर शहीदों के साथ ये बर्ताव क्यों किया गया? देश के लिए खुद को समर्पित करने वाले महानायकों के साथ इस तरह का अन्याय क्यों किया गया? वो कौन सी वजहें थीं, जिसकी वजह से किसी का ध्यान शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया? इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका जवाब है।
शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही चाहिए
स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक, स्टेडियम से लेकर अवॉर्ड तक हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था। मेरा यह स्पष्ट मानना है कि मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास सबसे ऊपर है। मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों के त्याग, तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही चाहिए।