मेरा भतीजा IAS है, तुम्हें दिलवा दूंगा पेट्रोल पंप, जानें चाचा भतीजे ने कैसे ठगे एक करोड़ रुपये
चाचा भतीजे के एक ठग गिरोह ने इसी का फायदा उठाकर तेलंगाना के एक व्यक्ति को एजेंसी दिलाने के नाम पर करोड़ की चपत लगा दी।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। देश में पेट्रोल और गैस एजेंसी के कारोबार को स्टेटस सिंबल के रूप में देखा जाता है। चाचा भतीजे के एक ठग गिरोह ने इसी का फायदा उठाकर तेलंगाना के एक व्यक्ति को एजेंसी दिलाने के नाम पर 1.80 करोड़ की चपत लगा दी। ठग ने अपने परिचित को आइएएस ऑफिसर और दिल्ली में एक केंद्रीय मंत्री के पास तैनाती बता अपने प्रभाव से पीड़ित को आसानी से पेट्रोल और एलपीजी गैस एजेंसी दिलवाने का झांसा दिया।
ठग ने जेड श्रेणी सुरक्षा मिले होने की बात भी बताई। क्राइम ब्रांच ने आरोपित एस. संपथ कुमार और के. रामास्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक पीड़ित एम. संदीप तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के रहने वाले हैं।
स्थानीय आर. रामास्वामी से उनकी 10 वर्ष पुरानी दोस्ती थी। उसने वर्ष 2017 में संदीप को बताया कि उसका भतीजा एस. संपथ कुमार आइएएस ऑफिसर है और वह दिल्ली में एक केंद्रीय मंत्री के कार्यालय में कार्यरत है।
वह किसी को भी भारत पेट्रोलियम का पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी दिलवा सकता है। लाइसेंस के लिए 1.80 करोड़ रुपये लगेंगे। इस बारे में पीड़ित ने अपने परिजनों से बात की।
इसी बीच आर. रामास्वामी पीड़ित के घर जाकर परिजनों को विश्वास में लिया। उसके बाद संपथ कुमार द्वारा भेजे गए टिकट से विमान द्वारा पीड़ित और उनके परिजन दिल्ली आए। यहां उनके ठहरने के लिए एयरपोर्ट स्थित नोवाटेल होटल में व्यवस्था की गई।
वहीं 8 जुलाई को एस. संपथ कुमार पीड़ित से होटल पर मिलने गया। वहां उसने बताया कि सरकार के कई मंत्रियों से उसके अच्छे संबंध है। लिहाजा भारत भर में वह किसी भी प्रकार का लाइसेंस बड़ी ही आसानी से दिलवा सकता है। उसकी बातों में आकर पीड़ित ने घर लौटने पर 1.40 करोड़ रुपये एस. संपथ कुमार के खाते में स्थानांतरित कर दिए। उसने अशोक विहार में अपना घर बना रखा है।
कुछ ही दिन बाद ठग बचे हुए 40 लाख रुपये के लिए तगादा करने लगे। उन्होंने बताया कि रुपये देने में देरी करने पर लाइसेंस मिलने में दिक्कत हो सकती है। इसी बीच एक दिन एस. संपथ कुमार पीड़ित से मिलने हैदराबाद भी गया। वहां उसके साथ हथियार से लैस कई सुरक्षाकर्मी थे। जिसके बाद पीड़ित ने ठगों को बकाया 40 लाख रुपये नगद दे दिए।
रुपये देने के काफी दिन बाद जब उन्हें लाइसेंस नहीं मिला तो पीड़ित ने आरोपितों से बात की। इसपर उन्होंने फर्जी सरकारी कागजात दिखाकर उन्हें और इंतजार करने को कहा। वहीं, नवंबर 2018 के बाद ठगों ने एम. संदीप का फोन उठाना भी बंद कर दिया। कुछ दिन बाद संपथ ने फोन पर धमकी दी कि पुलिस में शिकायत की तो हत्या करवा देंगे।