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चार मंजिल तक वाले गेस्ट हाउसों को ही फायर एनओसी

करोलबाग होटल अर्पित पैलेस में आग में 17 लोगों की मौत की घटना के बाद दिल्ली सरकार ने नियमों का पालन कराने को लेकर सख्त रूख अपनाया हुआ है। सरकार ने आग की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली बि¨ल्डग बायलॉज-2016 में 10 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 09:28 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 09:28 PM (IST)
चार मंजिल तक वाले गेस्ट 
हाउसों को ही फायर एनओसी
चार मंजिल तक वाले गेस्ट हाउसों को ही फायर एनओसी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : करोलबाग स्थित होटल अर्पित पैलेस में लगी आग में 17 लोगों की मौत होने के बाद से दिल्ली सरकार नियमों के पालन को लेकर लगातार सख्ती बरत रही है। सरकार ने आग की घटनाओं को रोकने के लिए शुक्रवार को दिल्ली बि¨ल्डग बायलॉज-2016 में दस संशोधनों के प्रस्ताव को मंजूरी दी। नए संशोधन शहरी विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करते ही लागू हो जाएंगे। अधिकारियों के साथ हुई बैठक में गृह एवं शहरी विकास विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करेगी।

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प्रस्ताव के अनुसार, राजधानी में अब चार मंजिल से ऊंची इमारतों में गेस्ट हाउस के लिए फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं मिलेगी। इसके बाद पहले से भी चल रहे गेस्ट हाउसों में बेसमेंट या छत पर रसोई की अनुमति नहीं मिलेगी। छत पर किसी तरह के ज्वलनशीन पदार्थ के भंडारण नहीं किया जा सकेगा। साथ ही सभी कमरों में कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर लगाना जरूरी होगा। साथ ही भविष्य में इन गेस्ट हाउसों की छतों पर एफआरपी या किसी अन्य ज्वलनशीन पदार्थ के प्रयोग से अस्थाई छत नहीं बनाई जा सकेगी।

इन संशोधनों को भी मंजूरी

- छत और बेसमेंट में खाना पकाने की अनुमति नहीं होगी

- गलियारों, सीढि़यों और रास्ते पर किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे लकड़ी की पैन¨लग, फोम की पैन¨लग या कालीन का उपयोग नहीं होगा

- गैस बैंक होने पर उसे राष्ट्रीय भवन कोड (एनबीसी) के मानकों के अनुसार स्थापित किया जाएगा

- गेस्ट हाउस के लिए चार से अधिक मंजिल को फायर एनओसी नहीं दी जाएगी

- मालिक, निदेशक, पार्टनर को फायर विभाग में एनओसी के लिए आवेदन करते समय प्रत्येक फ्लोर के उपयोग की जानकारी हस्ताक्षरयुक्त तीन हार्डकॉपी और एक सॉफ्ट कॉपी में देनी होगी।

- प्रत्येक फ्लोर पर सीढि़यों के रास्ते व गलियारों में वेंटिलेशन के लिए खिड़की या यांत्रिक व्यवस्था करनी होगी

- प्रत्येक मंजिल पर सीढि़यों के प्रवेश द्वार पर फायर डोर स्थापित करना अनिवार्य होगा


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