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चौटाला की रिहाई याचिका पर चार हफ्ते के अंदर फैसला करे दिल्ली सरकार : हाई कोर्ट

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से दायर की गई याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चार सप्ताह के अंदर फैसला करने का आदेश दिया। केंद्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर जल्द रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने यह आदेश दिया। पीठ ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले में तेजी से कानून के हिसाब से जल्द फैसला करे। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्टैं¨डग काउंसिल राहुल मेहरा ने

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 09:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 09:18 PM (IST)
चौटाला की रिहाई याचिका पर चार हफ्ते के अंदर फैसला करे दिल्ली सरकार : हाई कोर्ट
चौटाला की रिहाई याचिका पर चार हफ्ते के अंदर फैसला करे दिल्ली सरकार : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चार सप्ताह के अंदर फैसला करने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर जल्द रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने यह आदेश दिया है।

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पीठ ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह इस मामले में कानून के हिसाब से जल्द फैसला करे। इस पर दिल्ली सरकार के स्टैं¨डग काउंसिल राहुल मेहरा ने पीठ को सुनिश्चित किया कि चौटाला के आवेदन पर जल्द फैसला लिया जाएगा। दिल्ली सरकार के स्टैं¨डग काउंसिल राहुल मेहरा ने क्या कहा :

सुनवाई के दौरान राहुल मेहरा ने चौटाला की जल्द रिहाई की मांग का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार जैसे गंभीर अपराध में दोषी करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की अधिसूचना एक एडवाइजरी थी। यह बाध्यकारी नहीं है। राहुल मेहरा ने कहा कि चौटाला को कई पैरोल व फर्लो दी जा चुकी हैं और वह अब भी आठ फरवरी से एक मार्च तक के लिए पैरोल पर बाहर हैं। राहुल मेहरा की दलीलों पर पीठ ने कहा कि जो भी दोषी करार दिया गया है, उसे अच्छे व्यवहार के बदले छूट मिलने का अधिकार है।

बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ओम प्रकाश चौटाला दोषी हैं। ओम प्रकाश चौटाला ने अधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से याचिका दायर कर जल्द रिहाई की मांग की थी।

क्या राज्य सरकार सजा कम कर सकती है

चौटाला ने याचिका में केंद्र सरकार के 18 जुलाई, 2018 की अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उनके रिहाई पर विचार कर सकती है। याचिका में चौटाला ने क्या कहा :

याचिका में चौटाला ने कहा कि उनकी उम्र 83 साल की हो गई है और भ्रष्टाचार के मामले में वे सात साल की सजा काट चुके हैं। याचिका में चौटाला ने कहा कि वह अप्रैल 2013 में 60 फीसदी दिव्यांग हो चुके थे और जून 2013 में पेसमेकर लगाए जाने के बाद से वह 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग हो चुके हैं। इस तरह से वे केंद्र सरकार की जल्दी रिहाई की सभी शर्तों को पूरा कर रहे हैं। इसे देखते हुए कोर्ट सरकार को उन्हें रिहा करने का निर्देश दे।


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