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अंतरराष्ट्रीय एथलीट की आत्महत्या का राज गहराया, वजह पिता से बहस या कुछ और

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पालेंद्र चौधरी ने दिल्ली के नेहरू स्टेडियम के हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 08:45 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 12:04 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय एथलीट की आत्महत्या का राज गहराया, वजह पिता से बहस या कुछ और
अंतरराष्ट्रीय एथलीट की आत्महत्या का राज गहराया, वजह पिता से बहस या कुछ और

नई दिल्ली, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पालेंद्र चौधरी ने दिल्ली में नेहरू स्टेडियम के हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह कैमथल थाना गोंडा, इगलास के रहने वाले थे। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, पालेंद्र चौधरी (18) ने मंगलवार शाम को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में बने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटकर जान दे दी। वे यहां स्टेडियम में बनी एथलीट एकेडमी में रहते थे। 

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साथी खिलाड़ी पालेंद्र चौधरी के  इस तरह आत्महत्या करने की खबर से अन्य खिलाड़ी सदमे में है। खासकर हॉस्टल में रह रहे खिलाड़ी बेहद दुखी नजर आ रहे हैं। साथी खिलाड़ियों की मानें पालेंद्र बेहद हंसमुख स्वभाव के थे, जब भी मिलते  मुस्कुराकर ही मिलते।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पालेंद्र (18) गोंडा, इगलस (अलीगढ़, यूपी) के रहने वाले थे। मंगलवार शाम करीब 6:00 बजे पुलिस को सूचना मिली कि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एथलीट पालेंद्र ने हॉस्टल में पंखे से लटककर फांसी लगा ली है। पुलिस ने हॉस्टल में जाकर उक्त कमरे में देखा तो शव पंखे से लटका हुआ मिला।

पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला है कि पालेंद्र चौधरी का मंगलवार सुबह अपने पिता से किसी बात पर विवाद हुआ था। इसके बाद से वह पूरे दिन काफी परेशान था। फिर शाम को उसने अपना कमर बंद कर किया और काफी देर तक जब कमरे से बाहर नहीं आया तो होस्टल में रहने वाले अन्य खिलाड़ियों को शक हुआ।

उन्होंने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला तो पुलिस को सूचना दी गई। हालांकि अभी मौत की वजह का पता नहीं चल सका है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस मृतक पालेंद्र के परिजनों से पूछताछ कर आत्महत्या की वजह पता लगा लगा रही है।

वहीं, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के मुताबिक, पालेंद्र की मंगलवार सुबह के समय अपने पिता से किसी मुद्दे पर बात हुई थी। बताया जा रहा है कि पिता से विवाद भी हुआ था। इसके बाद पालेंद्र की बहन ने भी विवाद के बाबत बात की थी। हादसे की जानकारी मिलते ही हॉस्‍टल प्रशासन तुरंत पालेंद्र को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर गया, लेकिन वहां पहुंचते ही उसने दम तोड़ दिया। यह दुर्भाग्य है कि हम पालेंद्र को नहीं बचा सके।

उधर, पालेंद्र चौधरी के पिता महेश पाल का कहना है कि उसने मुझे कुछ पैसे मांगे थे और मैंने पैसे देने का वादा भी किया था। मुझे नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया? मुझे स्टेडियम के लोगों से कोई शिकायत नहीं है।

बता दें कि हादसे के बाबत मंगलवार शाम 6ः30 बजे दिल्ली पुलिस के पास सूचना दी गई थी। इसके बाद पहुंची पुलिस ने परिजनों को हादसे की सूचना देने के साथ शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल आत्‍म‍हत्‍या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है, मामले की जांच की जा रही है।

क्या पिता से विवाद को लेकर पालेंद्र ने उठाया इतना बड़ा कदम?

अब तो जानकारी पुलिस के हाथ लगी है उससे माना जा रहा है कि पिता के साथ हुए विवाद के बाद ही पालेंद्र ने आत्महत्या जैसा घातक और बड़ा कदम उठाया। पिता से क्या विवाद या बातचीत हुई? इसकी जानकारी पालेंद्र की बहन भी दे सकती है, क्योंकि पिता से विवाद के बाद बहन ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के हॉस्टल में जाकर एथलीट भाई से बात की थी। बताया जा रहा है कि तब मामला शांत भी हो गया था।

गौरतलब है कि बैंकाक में आयोजित एशियन यूथ चैंपियनशिप में मिड रिले रेस, 100 मीटर व 200 मीटर दौड़ में धावक पालेंद्र ने गोल्ड मेडल जीता था। केन्या वर्ल्ड चैंपियनशिप में उसने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। पालेंद्र अलीगढ़ में जिला, मंडल व राज्य स्तर पर कई मेडल जीत चुका था।


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