करंट लगने से एविएशन एकेडमी में पढ़ रहे छात्र की मौत
द्वारका साउथ थाना क्षेत्र में एविएशन एकेडमी में पढ़ने वाले युवक की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गयी। मृतक की पहचान महाराष्ट्र के अकोला निवासी भावेश पारेख(1

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली :
द्वारका साउथ थाना क्षेत्र में एविएशन एकेडमी में पढ़ने वाले युवक की करंट लगने से मौत हो गई। उसकी पहचान महाराष्ट्र के अकोला निवासी भावेश पारेख(18) के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में बीएसईएस के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार भावेश पारेख द्वारका सेक्टर सात स्थित एक एविएशन एकेडमी में पायलट ट्रे¨नग कोर्स के छात्र थे। वे दोस्तों के साथ द्वारका सेक्टर सात स्थित डीके रेजिडेंसी नाम के पीजी में रहते थे। 27 जून की शाम बारिश होने के बाद रात 9 बजे वे तीन दोस्तों रूपेश जैन, जयेश गोशानी और मार्वेन राय के साथ कॉफी पीने के लिए मार्केट जा रहे थे। रामफल चौक के नुक्कड़ पर भावेश ने दोस्तों को रोका और वे बातचीत करने लगे, वहीं पास में बिजली का खंभा और उससे सटा लोहे का बोर्ड लगा था। बातचीत के दौरान भावेश अपने एक हाथ को रूपेश जैन के कंधे पर रखे थे। कुछ देर बाद भावेश ने अपने दूसरे हाथ को लोहे के बोर्ड पर रख दिया। बोर्ड पर हाथ रखते ही अचानक भावेश और रूपेश को तेज करंट लगा। भावेश ने बोर्ड से हाथ हटाने की कोशिश की, लेकिन उनका हाथ बोर्ड से चिपक गया। इन्हें बचाने के लिए जयेश और मार्वेन भी जुट गए, लेकिन सभी करंट की चपेट में आ गए।
हेड कांस्टेबल ने दिखाई सूझबूझ
दुर्घटना के समय वहां द्वारका साउथ थाना में तैनात हेड कांस्टेबल गश्त पर थे। भावेश को बोर्ड से चिपका देख दीपक वहां पहुंचे। उन्होंने समझ लिया कि इन्हें करंट लगा है। संयोग से दीपक के हाथ भी तब गीले थे, लेकिन वे जूते पहने थे। तभी इन्होंने पैर से किक मारकर भावेश का हाथ बोर्ड से हटाया। भावेश अचेत होकर नीचे गिर गए। भावेश की हालत खराब देखकर दीपक ने उन्हें सीपीआर भी दी। फिर सभी युवकों को ऑटो पर लेकर पास के अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने भावेश को मृत घोषित कर दिया। रूपेश व अन्य को प्राथमिक इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दीपक ने बताया कि उन्होंने ताइक्वांडो सीखी हुई है। पैर से किक मारने के दौरान ताइक्वांडो में सिखाए गए किक का इस्तेमाल किया। इस दौरान घटनास्थल पर मौजूद गार्ड ने भी काफी सूझबूझ का परिचय दिया। जब दीपक बचाव कार्य में जुटे थे तब किशन ने वहां भीड़ लगने नहीं दिया। इस दौरान यदि कोई बिजली का खंभा छूने की कोशिश कर रहा था तो किशन उसे रोकते थे।

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