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मोदी सरकार की पहल से सबको मिलेगा आशियाना, दिल्ली में बनेंगे 17 लाख नए घर

नई पॉलिसी के तहत दिल्ली में 17 लाख नए घर बनने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें से पांच लाख घर ईडब्ल्यूएस (कमजोर आय वर्ग) श्रेणी के होंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 08:01 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 08:01 AM (IST)
मोदी सरकार की पहल से सबको मिलेगा आशियाना, दिल्ली में बनेंगे 17 लाख नए घर
मोदी सरकार की पहल से सबको मिलेगा आशियाना, दिल्ली में बनेंगे 17 लाख नए घर

नई दिल्ली (जेएनएन)।  दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की नई लैंड पूलिंग पॉलिसी से राजधानी में आवास की कमी दूर करने में सहूलियत होगी। साथ ही यह सभी को 2022 तक छत उपलब्ध कराने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने में मददगार भी साबित होगी। लैंड पूलिंग पॉलिसी को दो चरणों में बांटा गया है। पहले श्रेणी में वे भू स्वामी होंगे, जिनके पास 20 हेक्टेयर से अधिक जमीन है। दूसरी श्रेणी से दो हेक्टेयर से 20 हेक्टेयर तक जमीन वाले किसान होंगे। पहली श्रेणी के भू-स्वामी को डीडीए 60 फीसद जमीन वापस करेगा। इसमें से 53 फीसद आवास व पांच फीसद व्यावसायिक निर्माण में उपयोग हो सकेगा। दो फीसद भूमि उपयोग सार्वजनिक सुविधाओं के रूप में करना होगा। दूसरी श्रेणी में भू स्वामियों को 48 फीसद जमीन वापस मिलेगी। इसमें से 43 फीसद आवास, तीन फीसद व्यावसायिक निर्माण व दो फीसद भूमि का उपयोग सार्वजनिक सुविधाओं के लिए करना होगा।

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डीडीए का कहना है कि राजधानी में करीब 20 हजार हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। 95 गांवों को विकास क्षेत्र घोषित करने की अनुमति पहले ही मिल चुकी है। वहां के किसानों, बिल्डरों व समितियों से आवेदन मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इन गांवों में ग्राम सभा की जमीन का मालिकाना हक अब दिल्ली सरकार के पास आ गया है। डीडीए जमीन का विकास करेगा और बाद में भू-स्वामी को वापस कर करेगा। बदले में भू-स्वामी से दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से शुल्क वसूला जाएगा। दिल्ली में आवास की कमी दूर करने में सहकारी समूह आवासीय समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 15 लाख से अधिक लोग समितियों के आवासीय परिसरों में रहते हैं। यहां के रखरखाव की जिम्मेदारी समितियों की होती है। फिर भी इनकी समस्या दूर नहीं हो रही।

दिल्ली में 17 लाख नए घर बनाने का रास्ता साफ

लालफीताशाही के चलते लंबे समय से लटकी लैंड पूलिंग पॉलिसी को शुक्रवार को स्वीकृति मिल गई। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बोर्ड बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे मंजूरी दी। इस पॉलिसी के तहत दिल्ली में 17 लाख नए घर बनने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें से पांच लाख घर ईडब्ल्यूएस (कमजोर आय वर्ग) श्रेणी के होंगे। हालांकि एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) 400 की जगह 200 ही रखे जाने से 25 लाख सस्ते घर बनाने की योजना अब पूरी नहीं हो पाएगी।

लैंड पूलिंग पॉलिसी दिल्ली में सस्ते घरों को उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई है। दावा किया जा रहा है कि इससे दिल्ली मे आर्थिक, सामाजिक और ढांचागत विकास भी तेज होगा। यह दिल्ली के लाखों किसानों को निवेश करने का एक और जरिया देगी। साथ ही दिल्ली में तेजी से बढ़ रहीं अनधिकृत कॉलोनियों पर भी रोक लगेगी। इस पॉलिसी में जनता की भागीदारी अहम होगी।

डीडीए इसमें सिर्फ फेसिलेटर यानी सुविधा प्रदाता और योजनाकार की भूमिका निभाएगा। पूलिंग और विकास की पूरी प्रक्रिया डेवलपर या डेवलपर के समूह को करनी होगी। लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत कोई भी जमीन मालिक हिस्सा ले सकता है, हालांकि उसे विकसित करने के लिए कम से कम दो हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।

हालांकि, डीडीए के पूर्व योजना आयुक्त आरजी गुप्ता का कहना है कि फ्लैट बनने से पूर्व ही स्कूल, लैंडफिल साइट, अस्पताल, सड़कों आदि के लिए पहले से जगह चिह्नित हो जाए तो पॉलिसी अधिक फायदेमंद होगी, वरना यह भी दिल्ली पर बोझ बढ़ाने का काम करेगी।


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