World Cup डायरी: जब दूसरे खिताब से चूकी टीम इंडिया, ऑस्ट्रेलिया ने मारी बाजी
साल 2003 में विश्व कप का आठवां संस्करण खेला गया जिसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका जिंबाब्वे और केन्या ने संयुक्त रूप से की। यह टूर्नामेंट नौ फरवरी से लेकर 23 मार्च तक खेला गया।
साल 2003 में विश्व कप का आठवां संस्करण खेला गया, जिसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका, जिंबाब्वे और केन्या ने संयुक्त रूप से की। यह टूर्नामेंट नौ फरवरी से लेकर 23 मार्च तक खेला गया। यह दूसरा मौका था जब भारत विश्व कप का फाइनल खेल रहा था। इससे पहले इससे पहले भारत ने कपिल देव की अगुआई में 1983 में खिताब जीता था। लेकिन, इस बार फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर उसे दूसरी बार खिताब जीतने से वंचित कर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने कुल तीसरी बार और लगातार दूसरी बार विश्व कप खिताब अपने नाम किया।
क्रिकेट के इस महाकुंभ में कुल 14 टीमों ने शिरकत की। इन टीमों को दो पूलों में बांटा गया। पूल 'ए' में ऑस्ट्रेलिया, इंडिया, जिंबाब्वे, इंग्लैंड, पाकिस्तान, नीदरलैंड्स तथा नामीबिया की टीमें एक-दूसरें से भिड़ीं। पूल 'बी' में श्रीलंका, केन्या, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, कनाडा और बांग्लादेश की टीमों के बीच मुकाबला हुआ। यहां हर टीम ने अपनी-अपनी ग्रुप की अन्य टीमों के खिलाफ एक-एक मैच खेला। पूल मैचों में कड़े मुकाबले के बाद दोनों पूल की शीर्ष-तीन टीमों ने 'सुपर सिक्स' में अपनी जगह बनाई। इन टीमों में ऑस्ट्रेलिया, भारत, केन्या, श्रीलंका, न्यूजीलैंड तथा जिंबाब्वे की टीमें शामिल रहीं। सुपर सिक्स राउंड में प्रत्येक टीमों ने तीन-तीन मैच खेले, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया, भारत, केन्या तथा श्रीलंका ने शीर्ष-चार में जगह बनाई।
वर्ल्ड कप 2003 में भारतीय टीम का प्रदर्शन
नीदरलैंड्स के खिलाफ पहले मैच में 204 रनों पर सिमटने के बाद गेंदबाजों के दम पर भारत ने 68 रनों से जीत हासिल की। हालांकि अगले मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने नौ विकेट से शिकस्त दी। इस हार के बाद भारतीय टीम की देश में जमकर आलोचना हुई और खिलाडि़यों के पुतले फूंके गए। इसके बाद टीम ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और उसने पहले जिंबाब्वे को 83 रनों से मात दी, फिर नामीबिया को 181 रनों से रौंद डाला। पूल मैचों का अंत भारत ने इंग्लैंड को 82 रनों से हराकर दिया।
इस मैच में भारत के लिए तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने सबसे ज्यादा छह विकेट चटकाए थे। फिर भारत ने पाकिस्तान पर छह विकेट से जीत हासिल की। इस मैच में सचिन तेंदुलकर और शोएब अख्तर का आमना-सामना हुआ था, जहां सचिन ने बाजी मारी और 98 रन बनाए। सुपर सिक्स में भारत ने केन्या को छह विकेट से हराने के बाद दूसरे मैच में श्रीलंका को 183 रनों से शिकस्त दी। फिर भारत ने न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर अंतिम-चार का टिकट कटाया।
पहला सेमीफाइनल
ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में सात विकेट पर 212 रन बनाए। जवाब में श्रीलंका की टीम जब लक्ष्य का पीछा करते हुए 38.1 ओवरों में सात विकेट पर 123 रन पर पहुंची तब बारिश ने मैच में खलल डाल दिया और डकवर्थ-लुइस नियम के तहत ऑस्ट्रेलिया को 48 रनों से विजयी घोषित किया गया। ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज एंड्रयू साइमंड्स (नाबाद 91) को 'मैन ऑफ द मैच' दिया गया।
दूसरा सेमीफाइनल
भारत ने केन्या के खिलाफ 50 ओवरों में चार विकेट पर 270 रन बनाए। जवाब में केन्या की पूरी टीम 179 रन पर ऑलआउट हो गई। भारत ने यह मैच 91 रन से जीतते हुए दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई। सौरव गांगुली (111) 'मैन ऑफ द मैच' बने।
ऑस्ट्रेलिया का डंका
फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 50 ओवरों में दो विकेट पर 359 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 39.1 ओवरों में 234 रनों पर ही ढेर हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने मैच को 125 रनों से जीतकर विश्व कप ट्रॉफी अपने नाम की। रिकी पोंटिंग (140) को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को टूर्नामेंट में 673 रन तथा दो विकेट चटकाने के लिए 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का पुरस्कार मिला।
इस विश्व कप में खास
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वार्न डोप में पकड़े जाने के कारण इस टूर्नामेंट में नहीं खेल पाए थे और उन्हें वापस अपने देश लौटना पड़ा था।
इस टूर्नामेंट के बाद वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप