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World Cup 2019: 1975 से वर्ल्‍ड कप 2015 तक भारतीय टीम का सफर, रिकॉर्ड के पहाड़ पर जा बैठे सचिन

World Cup 2019 1975 से वर्ल्‍ड कप 2015 तक भारतीय टीम ने दो बार विश्‍वकप खिताब अपने नाम किया है। जानिए Sachin Tendulkar से लेकर Kapil Dev की कप्‍तानी में टीम का सफर कैसा रहा है।

By Rizwan MohammadEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 04:20 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 04:27 PM (IST)
World Cup 2019: 1975 से वर्ल्‍ड कप 2015 तक भारतीय टीम का सफर, रिकॉर्ड के पहाड़ पर जा बैठे सचिन
World Cup 2019: 1975 से वर्ल्‍ड कप 2015 तक भारतीय टीम का सफर, रिकॉर्ड के पहाड़ पर जा बैठे सचिन

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम ने 1975 में शुरू हुए पहले विश्‍वकप से लेकर 2015 के विश्‍वकप तक कई कीर्तिमान रचे हैं। भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हुए जिनके बनाए रिकॉर्ड आज भी कोई तोड़ नहीं पाया है। भारत ने अब तक दो बार विश्‍वकप अपने नाम किया है। भारत ने अपना पहला वर्ल्‍ड कप 1983 में कपिल देव की कप्‍तानी में जीता था। इसके बाद 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्‍तानी में टीम इंडिया ने विश्‍वकप अपने नाम किया था। इस दौरान सचिन तेंदुलकर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हुए। आइए जानते हैं अब तक हुए सभी वर्ल्‍ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम का सफर कैसा रहा है।

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प्रूडेंशियल वर्ल्‍ड कप 1975
इंग्‍लैंड में 1975 में आयोजित किए पहले विश्‍वकप का नाम प्रूडेंशियल वर्ल्‍ड कप रखा गया। इसके आयोजन का मकसद क्रिकेट को दुनियाभर में बड़े स्‍तर पर लाने और लोगों के बीच इसे लोकप्रिय बनाने का था। पहला वर्ल्‍ड कप वेस्‍टइंडीज टीम के नाम रहा था। भारतीय टीम पहले वर्ल्‍ड कप में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी और ग्रुप स्‍टेज से ही बाहर हो गई। पहले मैच में इंग्‍लैंड ने भारत को 202 रनों के भारी अंतर से शिकस्‍त दी। इस वर्ल्‍ड कप में सुनील गावस्‍कर ने नाबाद रहते हुए 174 गेंदों में 36 रन बनाए थे। पहले वर्ल्‍ड कप में सभी मैच 60 ओवरों के खेले गए।

प्रूडेंशियल वर्ल्‍ड कप 1979
1979 में हुए दूसरे वर्ल्‍ड कप में भारतीय टीम का बुरा प्रदर्शन पहले वर्ल्‍ड कप की तरह ही जारी रहा। भारत अपने तीनों ग्रुप मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया। जबकि चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्‍तान ने अपने मैच जीतकार सेमीफाइनल की टिकट कटाई। इस वर्ल्‍ड कप का खिताब भी वेस्‍टइंडीज के नाम रहा है। क्‍लाइव लायड के नेतृत्‍व में वेस्‍टइंडीज का लगातार यह दूसरा विश्‍वकप खिताब था।

प्रूडेंशियल वर्ल्‍ड कप 1983
भारतीय टीम पहले के दोनों वर्ल्‍ड कप हारने के बाद 1983 में इंग्‍लैंड में आयोजित हुए तीसरे वर्ल्‍ड कप में हिस्‍सा लेने पहुंची। यहां भारतीय टीम को सबसे फिसड्डी टीम माना गया था। लेकिन भारतीय खिलाडि़यों ने सभी कयासों को धता बताते हुए खिताब पर कब्‍जा जमाया। कपिल देव की कप्‍तानी में भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में वेस्‍टइंडीज को हराकर पहली बार विश्‍व कप जीता। इस हार से वेस्‍टइंडीज के कप्‍तान क्‍लाइव लायड का लगातार तीन विश्‍वकप जीतने का ड्रीम पूरा नहीं हो सका। वर्ल्‍ड कप जीतने के बाद से भारत में अचानक क्रिकेट की दीवानगी सिर चढ़कर बोलने लगी जो आज भी कायम है।

रिलायंस वर्ल्‍ड कप 1987
भारत और पाकिस्‍तान की मेजबानी में आयोजित किए गए चौथे विश्‍कप का नाम रिलायंस वर्ल्‍ड कप रखा गया। यह पहला मौका था जब विश्‍वकप को इंग्‍लैंड के बाहर आयोजित किया गया था। इसके साथ ही इस वर्ल्‍ड कप से ही वनडे मैचों में 60 ओवर की बजाय 50 ओवर का मैच खेलने का नियम लागू किया गया। इस टूर्नामेंट में भारत डिफेंडिंग चैंपियन था। भारत ने अपने 7 मैचों में से 7 मैचों में जीत हासिल कर सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल मुकाबले में भारत इंग्‍लैंड से हार गया। वर्ल्‍ड कप खिताब ऑस्‍ट्रेलिया ने इंग्‍लैंड को एक रन से हराकर अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में सुनील गावस्‍कर ने अपनी पहली सेंचुरी लगाई और चेतन शर्मा ने पहली हैट्रिक हासिल की।

बेनसन एंड हेजेस वर्ल्‍ड कप 1992
ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड की मेजबानी में 1992 में आयोजित हुए इस विश्‍व कप का नाम बेनसन एंड हेजेस वर्ल्‍ड कप रखा गया। यह वर्ल्‍ड कप भारतीय टीम के लिए सबसे खराब रहा। अजहरुद्दीन की कप्‍तानी में भारतीय टीम यहां पर 8 में से 2 मैच ही जीतने के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गई। यहां ऑस्‍ट्रेलिया के साथ ब्रिसबेन में हुए मुकाबले में अजहरुद्दीन की पारी को याद किया जाता है। सचिन तेंदुलकर के लिए यह पहला विश्‍वकप था। इस विश्‍वकप से ही मैन ऑफ द टूर्नामेंट खिताब देने की शुरुआत की गई।

विल्‍स वर्ल्‍ड कप 1996
यह छठा वर्ल्‍ड भारत, श्रीलंका और पाकिस्‍तान की मेजबानी में आयोजित किया गया। भारत ने क्‍वार्टरफाइनल में पाकिस्‍तान को हराकर सेमीफाइल में प्रवेश किया। वर्ल्‍ड कप के दौरान श्रीलंका लिट्टे ने सेंट्रल बैंक को लगातार धमाके कर उड़ा दिया। इस घटना से पूरा विश्‍व स्‍तब्‍ध रह गया। वेस्‍टइंडीज और आस्‍ट्रेलिया की टीमें अपने मैच खेलने श्रीलंका नहीं गईं। इसके बाद कोलकाता में श्रीलंका के साथ सेमीफाइन मैच के दौरान भारत की हार होती देख दर्शकों ने स्‍टेडियम में आग लगा दी। इससे मैच को रोककर श्रीलंका को जीत दे दी गई। इस तरह श्रीलंका विल्‍स वर्ल्‍ड कप का सरताज बना।

आईसीसी वर्ल्‍ड कप 1999
ब्रिटेन में 1999 आयोजित किया गया आईसीसी का पहला और कुल सातवां वर्ल्‍ड कप था। इस वर्ल्‍ड कप में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड ने अपने खेल से दुनियाभर का ध्‍यान अपनी ओर खींचा। श्रीलंका के खिलाफ सौरव गांगुली ने जहां 158 गेंदों में 183 रन बनाए थे तो उनके जोड़ीदार राहुल द्रविड ने 145 रन ठोके थे। इन दोनों की बदौलत अबतक हुए विश्‍वकप का सर्वाधिक 373 रनों का स्‍कार भारत ने खड़ा किया था। भारत ने यहां पाकिस्‍तान को एक बार फिर से हराया, लेकिन ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड से भारत हारकर विश्‍वकप से बाहर हो गया।

आईसीसी वर्ल्‍ड कप 2003
अफ्रीका में आयोजित किए गए इस विश्‍वकप में भारतीय टीम की कमान सौरव गांगुली को सौंपी गई। यह वर्ल्‍ड कप सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की बल्‍लेबाजी के लिए याद किया जाता है। इस विश्‍वकप में भारत ने 12 मैचों में से 10 मैच अपने नाम किए। इस मैच में भारत ने पाकिस्‍तान को हराया और फाइनल मुकाबले में ऑस्‍ट्रेलिया से भिड़ा। यहां ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने भारत को हरा दिया। सचिन तेंदुलकर ने टूर्नामेंट में सबसे ज्‍यादा 673 रन ठोके और उन्‍हें मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया।

आईसीसी वर्ल्‍ड कप 2007
वेस्‍टइंडीज में खेला गया यह विश्‍वकप भारत के लिए बहुत दुर्भाग्‍यशाली साबित हुआ। भारतीय टीम ग्रुप मैच में बांग्‍लादेश से हारने से विश्‍वकप से बहार होने का खतरा मंडराने लगा था। राहुल द्रविड की कप्‍तानी में खेल रहे भारतीय खिलाडि़यों ने अपने अगले मैच में बरमूडा के खिलाफ जमकर बल्‍ला भांजा और विश्‍वकप इतिहास का सर्वाधिक स्‍कोर 413 रन बना दिए। यह स्कोर अबतक विश्वकप में किसी टीम के द्वारा खड़ा किया गया सर्वाधिक स्कोर है। इस मैच को छोड़कर भारत ने अपने बाकी मैचों में खराब प्रदर्शन किया और विश्‍वकप से बाहर हो गया। हार से आलोचना के बाद राहुल द्रविड ने कप्‍तानी छोड़ दी। इसके बाद भारत को महेंद्र सिंह धोनी के रूप में नया कप्‍तान मिला।

आईसीसी वर्ल्‍ड कप 2011
भारत, बांग्‍लादेश और श्रीलंका की मेजबानी में आयोजित हुआ यह विश्‍वकप भारत के लिए खुशियां लेकर आया। महेंद्र सिंह धोनी की कप्‍तानी में खेल रहे भारतीय शेरों ने बांग्‍लादेश को बुरी तरह धूल चटाकर पिछले विश्‍वकप की हार का बदला चुकाया। इस मैच में वीरेंद्र सहवाग ने बांग्‍लादेशी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए 175 रन बनाए। इस विश्‍वकप में भारत ने सभी बड़ी टीमों को हार का स्‍वाद चखाते हुए फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को हराकर विश्‍वकप खिताब दूसरी बार अपने नाम किया। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने श्रीलंकाई गेंदबाज कुलशेखरा की गेंद पर छक्‍का जड़कर मैच खत्‍म किया था। सचिन तेंदुलकर का विश्‍वकप उठाने का सपना इस बार पूरा हो गया।

आईसीसी वर्ल्‍ड कप 2015
ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड की धरती पर यह विश्‍वकप का 11 सीजन था। डिफेंडिंग चैंपियन होने के नाते इस विश्‍वकप में भारत के ऊपर जीतने का दबाव था। इस विश्‍वकप में भारत ने धुआंधार खेल का प्रदर्शन किया। 1992 के बाद यह पहला विश्‍वकप था जब सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम में नहीं थे। भारतीय टीम इस विश्‍वकप में सेमीफाइनल में पहुंची लेकिन यहां ऑस्‍ट्रेलिया से हारकर बाहर हो गई। ऑस्‍ट्रेलिया ने विश्‍वकप अपने नाम किया।  

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