World Cup 2019: विश्व कप में भारत के ये तीन रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया
World Cup 2019 विश्व कप के इतिहास में भारतीय खिलाडि़यों ने तीन ऐसे अनोखे रिकॉर्ड बनाए हैं जो दुनिया का कोई भी खिलाड़ी आज तक नहीं तोड़ पाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। ICC World Cup 2019: भारतीय टीम को विश्व कप में सफलतम टीमों में गिना जाता है। भारत अब तक दो बार 1983 और 2011 में विश्व चैंपियन बन चुका है और एक बार 2003 में उप विजेता भी रह चुका है। भारत से ज्यादा बार विश्व कप खिताब सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के पास ही हैं। अब तक के विश्व कप में भारत ने ऐसे तीन रिकॉर्ड कायम किए हैं, जिन्हें कोई भी आज तक तोड़ नहीं पाया है।
बिशन सिंह बेदी के मेडन ओवर
बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी के नाम विश्व कप इतिहास में दो मेडन ओवर डालने का रिकॉर्ड दर्ज है। 1975 में पहले विश्व कप के दौरान बिशन सिंह बेदी ने पश्चिम अफ्रीका के खिलाफ दो मेडन ओवर डाले थे। यह पहला मौका था जब किसी गेंदबाज ने एक ही मैच में यह कीर्तिमान स्थापित किया हो। उस दौरान भारतीय स्पिन गेंदबाजी विश्व की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी मानी जाती थी। बिशन सिंह का यह अनोखा रिकॉर्ड आज तक कोई भी खिलाड़ी नहीं तोड़ सका है।
सौरव गांगुली की रिकॉर्ड पार्टनरशिप
क्रिकेट की दुनिया में दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली से स्पिनर बॉलर घबराते थे। मैदान पर सौरव को एग्रेसिव अंदाज में खेलते देखना लोगों को बहुत पसंद था। अपने क्लासिक शॉट्स और एग्रेसिव अंदाज से वह भारतीय क्रिकेट फैंस के पसंदीदा खिलाड़ी थे। तीन वर्ल्ड कप खेलने वाले सौरव गांगुली को उनके एक अनोखे रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। सौरव गांगुली ऐसे इकलौते बल्लेबाज हैं जो 200 से ज्यादा रन बनाने वाली पार्टनरशिप का हिस्सा रहे। वर्ल्ड कप इतिहास में सौरव गांगुली ने यह करिश्मा तीन बार किया।
1999 के वर्ल्ड के दौरान सौरव गांगुली ने राहुल द्रविड के साथ मिलकर 318 रन की पार्टनरशिप की। उन्होंने दूसरी 244 रनों की पार्टनरशिप 2003 के वर्ल्ड कप में नामीबिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर की थी। सौरव ने 2007 के वर्ल्ड कप में बरमूडा के खिलाफ वीरंद्र सहवाग के साथ 202 रन की पार्टनरशिप की थी। वर्ल्ड कप इतिहास में एक खिलाड़ी की ओर से की गई 200 से ज्यादा रनों की तीन पार्टनरशिप के रिकॉर्ड को कोई भी नहीं तोड़ पाया है।
मैन ऑफ द मैच संचिन तेंदुलकर
क्रिकेट जगत के 50 फीसदी रिकॉड्स सचिन के नाम दर्ज हैं। सचिन की हाई बैटिंग एबिलिटी के चलते कुछ लोग उन्हें क्रिकेट का भगवान भी मानते हैं। सचिन ऐसे इकलौते खिलाड़ी हैं जो 20 की उम्र से पहले ही वर्ल्ड कप में दो बार मैन ऑफ द मैच चुने गए। यह अनोखा रिकॉर्ड सचिन के सिवा किसी के पास नहीं है। इसके अलावा सचिन को 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। वह पहली बार 1992 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा बने और लगातार 6 वर्ल्ड खेलने वाले वह इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने 2011 का विश्वकप खिताब भी अपने नाम किया।
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