Move to Jagran APP

आधुनिक युग के रिच‌र्ड्स हैं कोहली

अधिकतर भारतीय शुक्रवार रात को विराट कोहली के बारे में सोचते हुए सोने गए होंगे। सोशल मीडिया, खाने की मेज पर, देर रात टहलने के वक्त हर ओर बस इसी युवा भारतीय बल्लेबाज के चर्चे। क्या हम दूसरी दुनिया के एक ऐसे इंसान को देख रहे हैं जिसने भारत को रहने के लिए चुना। मेरे लिए वह आधुनिक युग के वि

By Edited By: Published: Sat, 05 Apr 2014 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 05 Apr 2014 08:42 PM (IST)
आधुनिक युग के रिच‌र्ड्स हैं कोहली

(रवि शास्त्री का कॉलम)

loksabha election banner

अधिकतर भारतीय शुक्रवार रात को विराट कोहली के बारे में सोचते हुए सोने गए होंगे। सोशल मीडिया, खाने की मेज पर, देर रात टहलने के वक्त हर ओर बस इसी युवा भारतीय बल्लेबाज के चर्चे। क्या हम दूसरी दुनिया के एक ऐसे इंसान को देख रहे हैं जिसने भारत को रहने के लिए चुना। मेरे लिए वह आधुनिक युग के विवियन रिच‌र्ड्स के बेहद करीब हैं।

उनके शारीरिक हावभाव, बेमिसाल ताकत और इन सबसे ऊपर नियमित रूप से मैच जिताऊ पारी खेलने की असाधारण क्षमता। विराट की आश्चर्यजनक बल्लेबाजी लोगों के दिमाग में घर कर जाती है। उनका समर्पण, प्रतिबद्धता, क्षमता और योग्यता हर गेंदबाजी आक्रमण के सामने हर परिस्थितियों में समान रूप से देखने को मिलती है। दिमाग जो भी कहे, वास्तव में यह क्रिकेटर असाधारण है। ऐसा खिलाड़ी जो कभी निराश नहीं करता। वह अकेले ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से हजारों लोग स्टेडियम का रुख करते हैं। लाखों लोग टेलीविजन पर उनकी बेमिसाल बल्लेबाजी का लुत्फ उठाते हैं। और करोड़ों लोग सोशल मीडिया पर उनकी बातें करते हैं।

उम्मीद के अनुसार भारत को शुक्रवार को अपने सबसे कड़े मुकाबले में उतरना पड़ा। गेंद को टर्न कराना और उस पर ग्रिप करना मुश्किल साबित हो रहा था। पहली बार धौनी ने महसूस किया कि अमित मिश्रा और रवींद्र जडेजा के ओवर पूरे नहीं कराने चाहिए। छोटी स्क्वायर बाउंड्री ने भी उनका काम मुश्किल किया। अपनी विविधता और स्पिन के बूते केवल अश्विन ही दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर काबू रख पाए। उन्होंने सचमुच कमाल की गेंदबाजी की। दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन भी उतना खराब नहीं रहा। उन्होंने रन बनाए, उनकी गेंदबाजी में विविधता थी, उनकी फील्डिंग जबरदस्त रही। वे हारे जरूर, लेकिन इस बार आप उन्हें चोकर्स नहीं कह सकते।

श्रीलंकाई टीम दबाव में होगी। अगर यही हालात रहे तो उनके स्पिनर अधिक प्रभावशाली साबित नहीं होंगे। भारत के मुकाबले उनकी बल्लेबाजी आधी भी मजबूत नहीं है। उनके पास लक्ष्य का पीछा करते हुए एक मौका हो सकता है, और उसके लिए महेला या संगकारा को इस प्रारूप में एक अंतिम बार बेहतरीन खेल दिखाना होगा। अब क्रिकेट का ग्रैंड स्लैम धौनी और उनके धुरंधरों का इंतजार कर रहा है। रविवार रात तक यह सपना हकीकत का रूप ले सकता है। तब तक पूरा देश दिल थामकर फाइनल का इंतजार करेगा। रविवार रात को परिणाम जो भी निकले, इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता कि भारत ने इस टूर्नामेंट में विश्व स्तरीय खेल दिखाया।

(टीसीएम)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.