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टी-20 क्रिकेट का बादशाह बना वेस्टइंडीज

पिछले तीन विश्व कप में मिली हार के बाद श्रीलंका को अपने घर पर विश्व चैंपियन बनने का मौका था लेकिन उसे खिताबी जंग में 36 रनों से हार का सामना करना पड़ा। जबकि मार्लोन सैमुअल्स [78] की दमदार बल्लेबाजी और सुनील नरेन [3 विकेट] की अगुवाई में जबर्दस्त गेंदबाजी के दम पर वेस्टइंडीज दशकों पुराने खिताबी सूखे को खत्म कर क्रिकेट [फटाफाट] का नया बादशाह बन गया है। विंडीज टीम क्रिकेट जगत में 1979 के बाद पहली बार विश्व चैंपियन बनी है।

By Edited By: Published: Mon, 08 Oct 2012 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2012 09:01 AM (IST)
टी-20 क्रिकेट का बादशाह बना वेस्टइंडीज

कोलंबो। पिछले तीन विश्व कप में मिली हार के बाद श्रीलंका को अपने घर पर विश्व चैंपियन बनने का मौका था लेकिन उसे खिताबी जंग में 36 रनों से हार का सामना करना पड़ा। जबकि मार्लोन सैमुअल्स [78] की दमदार बल्लेबाजी और सुनील नरेन [3 विकेट] की अगुवाई में जबर्दस्त गेंदबाजी के दम पर वेस्टइंडीज दशकों पुराने खिताबी सूखे को खत्म कर क्रिकेट [फटाफाट] का नया बादशाह बन गया है। विंडीज टीम क्रिकेट जगत में 1979 के बाद पहली बार विश्व चैंपियन बनी है।

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चौथे टी-20 विश्व कप के खिताबी जंग में अजंथा मेंडिस [4/12] की जोरदार फिरकी के आगे शुरुआती झटकों से उबरते हुए वेस्टइंडीज ने 20 ओवर में छह विकेट पर 137 रन बनाए। सैमुअल्स ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 56 गेंदों में तीन चौका व छह छक्का लगाया। जवाब में श्रीलंका 18.4 ओवर में 101 रन बनाकर आउट हो गया। उसकी ओर से कप्तान महेला जयवर्धने ने सर्वाधिक 33 रनों की पारी खेली। श्रीलंका के बेहतरीन गेंदबाज लसिथ मलिंगा आज खासे महंगे साबित हुए और बिना किसी सफलता के चार ओवर में 54 रन दे डाले। कैरेबियाई टीम की ओर से सुनील ने नौ रन देकर तीन विकेट झटके।

1996 में वनडे विश्व कप जीतने के बाद श्रीलंका 2007 व 2009 [वनडे] और 2009 [टी-20] के बाद क्रिकेट में अपना चौथा विश्व कप फाइनल खेल रहा था लेकिन इस बार भी उसे हार का सामना करना पड़ा। यह हार इसलिए भी दुखद है क्योंकि उसे अपने घर पर हार मिली। श्रीलंका दूसरी बार टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा। 2009 में उसे पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। जबकि कैरेबियाई टीम 2006 के बाद पहली बार आईसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही। वनडे क्रिकेट में 1975 और 1979 में वनडे चैंपियन बनने के बाद विंडीज अब जाकर फटाफट क्रिकेट में भी विश्व चैंपियन बना है। ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध अंपायर साइमन टफेल आज अंतिम बार अंपायरिंग करते हुए नजर आए।

आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरे श्रीलंकाई टीम ने संयम से शुरुआत करने की कोशिश की लेकिन रवि रामपाल ने दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर दिलशान तिलकरत्ने [0] को गुड लेंग्थ की गेंद पर चकमा देते हुए उनकी गिल्ली उखाड़ दी। शुरुआती झटके के बाद कप्तान जयवर्धने और कुमार संगकारा ने बेहद संयम के साथ खेलते हुए पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने एक-एक रन लेने की रणनीति अपनाते हुए 8.2 ओवर में 42 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी को सैमुअल बद्री ने 10वें ओवर में संगकारा को मिडविकेट पर कैच कराकर आउट तोड़ा। संगकारा ने 26 गेंदों में दो चौके की मदद से 22 रन बनाए। अगले ओवर में मेजबान टीम को जोर का झटका लगा जब उपकप्तान एंजेलो मैथ्यूज [1] डैरेन सैमी की गेंद पर स्कूप करने की कोशिश में बोल्ड हो गए। इस दौरान बारिश शुरू हो जाने से श्रीलंका को 12 ओवर में 76 रन बनाने थे लेकिन ऐसा कर पाने में नाकाम रहे। डकवर्थ-लुइस की हार से बचने के लिए रन रेट को तेज करने की कोशिश में श्रीलंका ने 13वें ओवर में दो बड़े विकेट गंवा दिया। सुनील नरेन के इसी ओवर की पहली गेंद कप्तान जयवर्धने रिवर्स स्विप खेलने के प्रयास में सैमी को कैच थमा बैठे। जयवर्धने ने 36 गेंदों में 33 रन बनाए। एक गेंद के अंतराल पर जीवन मेंडिस [3] रन आउट हो गए। विपक्षी टीम ने श्रीलंका पर खासा दबाव बना लिया और अगले ओवर में थिषारा परेरा [3] भी रन आउट हो गए। रिक्वायर्ड रन रेट बढ़ने के कारण श्रीलंका विकेटों के पतन को रोक नहीं सका। उसका सातवां विकेट 15वें ओवर में गिरा जब सैमी ने लाहिरू थिरिमने [4] को वाइड लांग आन पर कैच आउट करा दिया। हालांकि अंतिम समय में नुवान कुलासेकरा ने 13 गेंदोंमें तीन चौका व एक छक्का लगाकर 26 रनों की पारी खेलकर कुछ उम्मीद बंधाई पर हार का मुंह देखना पड़ा। नरेन के तीन विकेट के अलावा कप्तान सैमी ने दो विकेट लिए।

इससे पूर्व पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लेने के बाद विंडीज टीम की पारी का आगाज एक बार फिर जानसन चा‌र्ल्स और क्रिस गेल ने की। लेकिन पारी की पांचवीं गेंद पर एंजेलो मैथ्यूज ने चा‌र्ल्स को पगबाधा कर दिया। चा‌र्ल्स खाता भी नहीं खोल सके। कैरेबियाई बल्लेबाज पहले दो ओवर में बल्ले से रन बनाने में नाकाम रहे। तीसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर गेल ने आठ गेंद खेलने के बाद अपना खाता खोला। आज गेल पर सबकी निगाहें थी लेकिन शुरू से ही वह लय में नहीं दिखे और छठवें ओवर की पांचवीं गेंद पर अजंथा मेंडिस ने उन्हें पगबाधा करा कर वापस भेज दिया। इससे पूर्व वह दो जोरदार पगबाधा की अपील से बचे थे। छह ओवर के पावरप्ले में विंडीज महज 14 रन जोड़ सके जो टूर्नामेंट में पहले छह ओवर का न्यूनतम स्कोर भी रहा। कसी हुई गेंदबाजी और जोरदार क्षेत्ररक्षण के आगे बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए खासा जूझना पड़ा और 10 ओवर में सिर्फ 32 रन ही जोड़ सके। बल्लेबाज पहले 10 ओवर में एक चौका ही लगा सके। दूसरी ओर मैथ्यूज ने शानदार गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में एक मेडन के साथ 11 रन दिए और एक विकेट भी हासिल किया। 12 ओवर में टीम का स्कोर 48 रन था लेकिन 13वें ओवर में सैमुअल्स ने लसिथ मलिंगा की गेंद पर तीन छक्के लगाकर टीम का स्कोर पचास के पार कराया साथ ही स्कोर को सम्मानजनक स्तर पर पहुंचाने की उम्मीद जगा दी। अगले ओवर में सैमुअल्स के साथ आठ ओवर में 59 रनों की साझेदारी करने के बाद ड्वेन ब्रावो ने अपना विकेट खो दिया। ब्रावो को अजंथा मेंडिस ने पगबाधा कराया। ब्रावो ने 19 गेंदों में 19 रन [1 छक्का] बनाया। एक छोर पर टिके सैमुअल्स ने शुरू में संयम से खेलने के बाद गियर बदल दिया और 46 गेंदों में अपना पचासा पूरा किया। तेजी से रन बनाने में जुटी कैरेबियाई टीम को 16वें ओवर में अजंथा मेंडिस ने कीरोन पोलार्ड [2] और आंद्रे रसेल [0] को आउट कर उनकी गति पर अंकुश लगाने की कोशिश की। सैमुअल्स ने फिर मलिंगा को अपना निशाना बनाया और 17वें ओवर में लगातार तीन गेंदों पर एक चौका व दो छक्का लगाकर टीम का स्कोर सौ के पार कराया। हालांकि उनकी शानदार पारी का अंत अकीला धनंजय ने मिडविकेट पर कैच आउट कराकर किया।

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