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4:52:22 घंटे में हजार तक के पहाड़े

अलीगढ़। पहाड़े हर कोई लिखता है। रोजमर्रा में खूब गुणा-भाग भी करता है लेकिन एक हजार तक के पहाड़े लिखने की हिम्मत अब तक किसी ने नहीं जुटाई थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के 18 साल के छात्र सौरभ माहेश्वरी ने यह कारनामा कर दिखाया है।

By Edited By: Published: Mon, 05 Nov 2012 11:02 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2012 11:02 AM (IST)
4:52:22 घंटे में हजार तक के पहाड़े

अलीगढ़। पहाड़े हर कोई लिखता है। रोजमर्रा में खूब गुणा-भाग भी करता है लेकिन एक हजार तक के पहाड़े लिखने की हिम्मत अब तक किसी ने नहीं जुटाई थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के 18 साल के छात्र सौरभ माहेश्वरी ने यह कारनामा कर दिखाया है। रविवार को उसने केनेडी ऑडिटोरियम में कागज के रोल पर 4 घंटे 52 मिनट 22 सेकेंड में एक हजार तक के पहाड़े लिख डाले। यह काम उसने तय से कम वक्त में किया।

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एएमयू में डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र सौरभ ने सुबह 10:10 बजे पहाड़े लिखने की शुरुआत की थी। लिम्का बुक ऑफ रिकॉ‌र्ड्स की टीम से सौरभ ने साढ़े पांच घंटे में एक हजार तक के पहाड़े लिखने का वादा किया था। इससे पहले पहाड़े लिखने का रिकॉर्ड बनाने की कोशिश नहीं की थी, लेकिन जब वह पहाड़े लिखने लगा तो वादे से कम वक्त में पहाड़े लिख दिए। इस बीच सौरभ ने दो ब्रेक लिए। एक ब्रेक 10 मिनट का था और दूसरा 11 मिनट का। लिम्का बुक की टीम ने हर दो घंटे बाद ब्रेक की अनुमति दी थी, लेकिन उसने पहला ब्रेक ढाई घंटे बाद लिया। दोपहर 3.25 बजे तक सौरभ ने एक हजार तक के पहाड़े लिख डाले। सौरभ ने बताया कि इतने पहाड़े लिखना ज्यादा मुश्किल नहीं था। पहले गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड को उसने ऐसा करने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन उनका कोई उत्तर नहीं आया। लिम्का बुक ऑफ रिकॉ‌र्ड्स के सम्पादक विजय घोष ने इस पर सहमति जता दी। अगर वह कामयाब होता है तो इतने पहाड़े लिखने का वह पहला भारतीय रिकॉर्ड होगा।

गौरतलब है कि एएमयू के छात्र इससे पहले भी नायाब कोशिशें कर चुके हैं। इंजीनियरिंग के छात्र नबील मेहदी और उनकी टीम ने दुनिया का सबसे बड़ा लिफाफा बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जो गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

कैमरे में हुआ रिकॉर्ड

सौरभ पर एक कैमरे की नजर थी। कैमरे में उसकी हर गतिविधि रिकॉर्ड कराई गई थी, ताकि वह लिम्का बुक ऑफ रिकॉ‌र्ड्स को भेज सके। इसी आधार पर वह तय करेंगे कि सौरभ ने शर्तो को पूरा करते हुए पहाड़े लिखे हैं या नहीं। तभी सर्टिफिकेट मिलेगा।

इन्होंने भी की निगरानी

सिर्फ कैमरा नहीं एएमयू के शिक्षकों के पैनल ने भी बारी-बारी सौरभ के कारनामे पर नजर रखी। एसोसिएट प्रोफेसर फराह फजली, प्रो. दानिश महमूद, डॉ. एम असलम और फैसल ने दो-दो के पैनल में उस पर नजर रखी।

जागरण संवाददाता

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