ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इतिहास रचने से बस एक कदम दूर है विराट की टीम इंडिया
1947 से भारत ने ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है, जबकि टीम इंडिया 1978 के बाद से सिडनी में कोई टेस्ट नहीं जीत सकी है।
अभिषेक त्रिपाठी, सिडनी। दिन, महीने और साल बीतते गए, 1947 से 2018 आ गया। लाला अमरनाथ से शुरू हुआ सफर बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धौनी से होते हुए विराट कोहली पर पहुंच गया, लेकिन भारतीय टीम आज तक ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई। भारत ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को पहले ही अपने पास सुरक्षित कर लिया है, लेकिन अब उसके पास 71 साल पुराना इतिहास बदलने का मौका है। चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे चल रही भारतीय टीम गुरुवार से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में शुरू हो रहे आखिरी मुकाबले को अगर ड्रॉ करा लेती है या जीत लेती है तो उसे यहां पहली टेस्ट सीरीज जीतने से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि, इस मुकाबले में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के खेलने पर सस्पेंस बना हुआ है, जबकि तेज गेंदबाज इशांत शर्मा बायीं पसलियों में परेशानी के कारण इस मैच में नहीं खेलेंगे।
भारतीय टीम ने एडिलेड टेस्ट में 31 रनों से जीत दर्ज की थी, लेकिन पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसे मेजबान टीम ने 146 रनों से हराते हुए सीरीज बराबर कर ली। इसके बाद तीसरा मैच मेलबर्न में खेला गया। जहां टीम इंडिया 137 रनों से विजयी रही।
अश्विन पर यू-टर्न : कोहली जब भी एक मैच में अपनी अंतिम एकादश को लेकर खुश होते हैं तभी उन पर कोई ना कोई आफत टूट पड़ती है। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सिडनी में पारंपरिक रूप से स्पिनरों को मदद मिलती रही है और भारत को मलाल होगा कि अश्विन एडिलेड में पहले टेस्ट के दौरान पेट की मांसपेशियों में आए खिंचाव से पूरी तरह नहीं उबर पाए हैं। यह दुर्भाग्यशाली है कि पिछले दो विदेशी दौरों पर उन्हें लगभग एक जैसी दो चोटों का सामना करना पड़ा। निश्चित तौर पर वह काफी महत्वपूर्ण हैं। टेस्ट क्रिकेट में वह टीम के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और हम चाहते हैं कि वह लंबे समय तक शत प्रतिशत फिट रहें, जिससे कि टेस्ट प्रारूप में वापसी कर सकें। वह काफी निराश हैं कि समय पर नहीं उबर पाए। अश्विन से चोट के बारे में फीजियोथेरेपिस्ट और प्रशिक्षकों ने बात की है। हालांकि, दो घंटे बाद टीम इंडिया के प्रवक्ता ने अश्विन को 13 सदस्यीय टीम में शामिल करने का संदेश भेजा। उनकी तरफ से बताया गया कि अश्विन के खेलने पर आखिरी फैसला गुरुवार की सुबह टॉस से पहले लिया जाएगा। इस जनवरी से अब तक अश्विन 11 में चार मुकाबले फिटनेस की वजह से नहीं खेल पाए हैं।
कुलदीप बने बैकअप : अश्विन चोट के कारण मौजूदा दौरे पर पर्थ में दूसरे टेस्ट और मेलबर्न में तीसरे टेस्ट में नहीं खेले पाए थे। उन्हें इंग्लैंड दौरे के दौरान भी ग्रोइन इंजरी का सामना करना पड़ा था। भारत ने बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को भी कवर के तौर पर टीम में जगह दी है। तेज गेंदबाजों में उमेश यादव को जसप्रीत बुमराह और मुहम्मद शमी के साथ अंतिम-13 में जगह दी गई है। रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में खराब फॉर्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल की टीम में वापसी हो सकती है। वह मेलबर्न में तीसरे टेस्ट में नहीं खेले थे जिसमें हनुमा विहारी ने पारी का आगाज किया था। इस मैच में राहुल कर्नाटक के अपने दोस्त मयंक अग्रवाल के साथ ओपनिंग कर सकते हैं। ऐसे में विहारी को छठे नंबर पर खेलने का मौका मिल सकता है। वह इसके अलावा अतिरिक्त स्पिनर की भूमिका भी निभा सकते हैं। भारत ने 13 सदस्यों की घोषणा करके आस्ट्रेलिया के लिए भ्रम की स्थिति बनाई है। हालांकि, मुहम्मद शमी भी बुधवार को मैदान में जैकेट पहनकर आए और अभ्यास नहीं किया। उनके खेलने पर भी संशय लग रहा था, लेकिन टीम प्रबंधन की तरफ से कहा गया है कि वह फिट हैं। अब समझ में नहीं आ रहा है कि अश्विन को आखिरी समय में अंतिम-13 में क्यों रखा गया है?
पेन ने भी खेला दांव : अभी तक ऑस्ट्रेलियाई टीम मैच से एक दिन पूर्व ही अंतिम एकादश की घोषणा कर देती थी, लेकिन इस मुकाबले से पहले मेजबान कप्तान टिम पेन ने ऐसा नहीं किया। शायद पेन भी देखना चाहते हैं कि भारतीय टीम दो स्पिनर के साथ उतरती है या सिर्फ रवींद्र जडेजा को खिलाती है। पेन ने मैच से पहले कहा कि वह टीम की घोषणा करने के लिए टॉस का इंतजार करेंगे। ऑस्ट्रेलियाई टीम में मिशेल मार्श की जगह पीटर हैंड्सकोंब की टीम में वापसी हो सकती है। मार्श की मेलबर्न में खराब शॉट चयन के लिए आलोचना हुई थी। सलामी बल्लेबाज आरोन फिंच और लेग स्पिन ऑलराउंडर मार्नस लाबुशेन में से किसी एक को खेलने का मौका मिलेगा। अगर फिंच बाहर होते हैं तो उस्मान ख्वाजा पारी का आगाज मार्कस हैरिस के साथ करेंगे और लाबुशेन को मध्य क्रम में जगह मिलेगी।
टीमें इस प्रकार हैं :
भारत: विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रिषभ पंत, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, उमेश यादव और रविचंद्रन अश्विन में से।
ऑस्ट्रेलिया: टिम पेन, मार्कस हैरिस, आरोन फिंच, उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड, शॉन मार्श, मिशेल मार्श, नाथन लियोन, मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस, जोश हेजलवुड, मार्नस लाबुशेन, पीटर हैंड्सकोंब और पीटर सिडल में से।
पिच और मौसम रिपोर्ट
सिडनी : मेलबर्न और पर्थ की तरह एससीजी की पिच के बारे में उतनी चर्चा नहीं हुई। हालांकि, पेन ने जरूर कहा था कि यहां पर स्पिनरों को मदद मिल सकती है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्यूरेटरों पर सवाल जरूर उठाया था कि मेजबान टीम को अपने ही देश की पिचों से मदद नहीं मिल रही है। कोच जस्टिन लेंगर ने उम्मीद जताई है कि इसमें कुछ जान होगी। हालांकि,एससीजी की पिच को हमेशा से स्पिनरों की मददगार माना जाता है। क्यूरेटर जस्टिन ग्रूव्स को उम्मीद है कि यहां सबके लिए कुछ ना कुछ होगा। उनके अनुसार पहले दिन तेज गेंदबाजों के लिए कुछ मूवमेंट होगा, इसके बाद अच्छी बल्लेबाजी और स्पिन देखने को मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में धूप खिली रहेगी और आसमान साफ रहेगा। चौथे व पांचवें दिन हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
नंबर गेम-
-1947 से भारत ने ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है, जबकि टीम इंडिया 1978 के बाद से सिडनी में कोई टेस्ट नहीं जीत सकी है।
-04 शतक ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 2018 से अब तक बने हैं। 1996 के बाद यह उसका सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि, तब उसने साल में सिर्फ पांच टेस्ट खेले थे।
-25 विकेट कपिल देव ने 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया में खेली पांच टेस्ट की सीरीज में लिए थे। बुमराह इस सीरीज के तीन मैचों में 20 विकेट ले चुके हैं। उनके पास कपिल के भारतीय रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका।